लखनऊ: इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सरकार से इबादतगाहों को खोलने की मांग की है। फरंगी महली का कहना है कि दुआ और दवा, दोनों ही कोरोना के अंत के लिए जरुरी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जैसे बाज़ारों को खोला गया है वैसे ही इबादतगाहों को भी खोला जाए।
सरकार के नियमों का इबादतगाहों में होगा पालन
मौलाना फरंगी महली ने कहा है कि मस्जिदों और ईदगाहों में सरकार के नियमों और कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण से पालन कराया जाएगा। ईदगाह में मास्क और सोशल डिस्टेंस अनिवार्य रहेगा। इबादतगाह की क्षमता के अनुसार 50 प्रतिशत लोगों को जाने की इजाज़त दी जाएगी।
डिप्रेशन का शिकार हो रहे लोग
मौलाना फरंगी महली का कहना है कि लंबे समय से इबादतगाहों में ना जाने से लोग डिप्रेशन और मायूसी का शिकार हो रहे हैं। अब वक्त आ गया है की उन्हें इज़ाज़त दी जाए जिससे इबादतगाहों में आकर उन्हें सुकून हासिल हो।
दावा और दुआ, दोनों जरुरी
उन्होंने कहा है कि जब लोग इबादतगाहों में दुआ करेंगे तो खुदा की रहमत मिलेगी और कोरोना काल से जल्द ही हमें छुटकारा मिल जायेगा।