बलिया। देश के सबसे मशहूर सूबे उत्तर प्रदेश में लगातार हत्या, लूट व बलत्कार जैसी वारदाते चरम सीमा पर चढ़ती जा रही है। साथ ही पुलिस भी लगातार इन पर अपना धावा बोलकर वारदातों का खुलासा करने में सफलता तो प्राप्त कर लेती है। लेकिन सूबे की योगी सरकार व उनका पुलिस प्रशासन व आला अधिकारी इन वारदातों को रोकने में अस्मर्थ है। ऐसे ही बलिया जनपद की पुलिस ने एक और हत्या कांड का खुलासा करते हुए 2 आरोपीयों को गिरफ्तार किया है। जनपद बलिया के बासडींह रोड थाना क्षेत्र के बजहां गांव में हुई रागिनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रिंस तिवारी व उसका साथी राजू यादव को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर सनसनी खेज वारदात का खुलासा किया है। लेकिन 3 आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहे हैं। पुलिस इन 3 आरोपियों की छानबीन करने में जुटी हुई है।
हत्या के कुछ ही देर बार आरोपी का पिता मृतका के घर पहुंच गया और पीड़ित को बार-बार धमकी दिए जा रहा था। आरोपी का पिता कृपाशंकर तिवारी पीड़ित परिवार के यहां पहुंचा हत्या की बात बताने के बाद उसने ग्राम प्रधान होने की दबंगाई दिखाते हुए पीड़िता के परिजनों को खुले आम धमकी भी दे रहा था। उसने कहा कि अगर पुलिस को वो हत्या में प्रयोग किया गया धारदार चाकू भी दे-दे तो कोई कुछ नही कर पाएगा। पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ने वाली है। फ़िलहाल आरोपी का पिता भी फरार चल रहा है। उक्त बातें बताते रागिनी की बहन रो पड़ी तथा मृतका रागिनी की बहन कहती है कि उन्हें इंसाफ चाहिए। हरहाल में बहन के आरोपी हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए।
वहीं काफी आलोचनाओं के बाद बुधवार सुबह एसपी सुजाता सिंह के घर पहुंचने की बात भी कही। SP सुजाता सिंह को अभी फुर्सत नहीं है। सुजाता सिंह की कार्यशैली फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। और तो और बलिया की कानून व्यवस्था पर वहां के बीजेपी नेताओं ने भी कडे सवाल उठाये हैं। अब पुलिस 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है। लेकिन शुरुआती शिकायत पर पुलिस अगर एक्शन लेती तो रागिनी कम से कम अपने स्कूल पहुंच गई होती। देर रात पुलिस ने आखिरकार मुख्य आरोपी आदित्य तिवारी उर्फ़ प्रिंस को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली है। साथ ही मुख्य आरोपी प्रिन्स तिवारी का साथी राजू भी गिरफ्तार हुआ है। आरोपी के पिता कृपाशंकर तिवारी गाव के प्रधान हैं। बाताया जा रहा है कि आदित्य पिता प्रधान के पुत्र होने के घमंड़ में अक्सर स्कूल आने-जाने वाली लड़कियों पर फब्तियां कसता था। आरोपी आदित्य लगातार रागिनी पर बात करने का दबाव भी बनाता जा रहा था।
लेकिन पीड़ित परिवार वाले गांव की बात समझकर चुप रह जाते थे। पूरे मामले में बलिया पुलिस की कार्यशैली पर लगातार गंभीर सवाल उठते जा रहे हैं। जिले की कप्तान सुजाता सिंह और उनकी टीम की लापरवाही के चलते एक मासूम की जान ले ली गई। एंटी रोमियो दल इन्हीं घटनाओं को रोकने के लिए बनाया गया है लेकिन इनकी नाकामी की पोल भी अब पूरी तरह खुल चुकी है।