देशभर में नवरात्र में नवमी की पूजा के बाद दशमी की तिथि पर रावण दहन की परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन भारत में कुछ ऐसी जगह भी है जहां रावण दहन की जगह 10 सिर वाले दशानन की पूजा की जाती है। यह स्थान मध्य प्रदेश के मंदसौर है। मंदसौर के लोग दशहरा के दिन रावण की पूजा करते हैं। वाह सुख समृद्धि की कामना करते हैं। मान्यताओं के अनुसार यहां के लोग दशानन रावण को दामाद मानते है।
मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी का मंदसौर में मायका था। और प्राचीन काल में मंदसौर को मंदोत्तरी के नाम से जाना जाता था। यही कारण है कि यहां के लोग आज तक रावण को अपना दामाद मानते हैं। मंदसौर में महिलाएं अपने दामाद के आगे घुंघट करती है और रावण का ससुराल होने के कारण यहां की महिलाएं रावण को दामाद मानती हैं। इसीलिए रावण की प्रतिमा के सामने वह हमेशा घुंघट करके रखती है।
और हर वर्ष दशहरा के दिन मंदसौर के नामदेव समाज के लोग रावण पूजा का आयोजन करते हैं। व यहां की महिलाएं रावण की प्रतिमा में उसके पैर पर धागा बांधती है क्योंकि मान्यता है कि धागा बांधने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती है।
रावण की प्रतिमा पर लगा है गधे का सिर
मंदसौर के नामदेव समाज के लोगों के मुताबिक खानपुर में लगभग 200 वर्ष पुरानी दशानन की एक प्रतिमा लगाई गई थी। जो वर्ष 2006-07 में आकाशीय बिजली गिरने के कारण प्रतिमा खंडित हो गई इसके बाद नगर पालिका की द्वारा रावण की दूसरी मूर्ति बनवाई और नगरपालिका प्रत्येक वर्ष रावण की प्रतिमा के रखरखाव कराती है। अनोखी बात यह है कि इस प्रतिमा में रावण के 9 सिर है। दोनों ओर 4-4 और बीच में गधे का सिर लगाया गया है। यहां के बुजुर्गों की माने तो उनका कहना है कि रावण की मती भ्रष्ट हो गई थी और उसकी इन्हीं अवगुणों को दर्शाते हुए गधे का सिर लगाया गया है।