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इस बार की श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी है बेहद खास, भोग में चढ़ाएं ये प्रसाद

श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी इस बार की श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी है बेहद खास, भोग में चढ़ाएं ये प्रसाद

नई दिल्ली।  मुरली मनोहर, नंदलाला, राधा के श्‍याम, श्रीकृष्‍ण, गोपाला जैसे अनेकों नाम से व्यख्यात भगवान श्रीकृष्‍ण के जन्‍मदिवस की तैयारियां पूरे देश भर में चल रही हैं। हर कोई भगवान श्रीष्ण के जन्‍मदिवस की तैयारियों को लेकर काफी उत्साहित है। इस बार कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी काफी खास है। हालांकि इस बार कृष्‍ण जन्मदिवस की तिथी को लेकर काफी असमंजस है। जी हां… आपको बता दें कि इस बार क्रष्ण जन्‍माष्‍टमी दो दिन की पड़ रही है यानि की 2 और 3 सितंबर दोनों ही दिन क्रष्ण जन्‍माष्‍टमी का त्योहार मनाया जाएगा। आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में आपको बताने वाले हैं कि जन्‍माष्‍टमी का पूरे देश भर में क्या मह्तव है।

इस बार की श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी है बेहद खास, भोग में चढ़ाएं ये प्रसाद
श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी

क्रष्ण जन्‍माष्‍टमी का महत्व 

भादो महीने की जन्माष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इसी तिथि में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में आधी रात के वक्त हुआ था। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस समय में भगवान कृष्ण की पूजा करने सभी तरह के दुखों का नाश होता है। श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का पूरे भारत वर्ष में विशेष महत्‍व है। यह हिन्‍दुओं के प्रमुख त्‍योहार है।

ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु ने श्रीकृष्‍ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। देश के सभी राज्‍य अलग-अलग तरीके से इस महापर्व को मनाते हैं। इस दिन लोग श्रीकृष्‍ण के जन्‍म की खुशी में दिन भर व्रत रखते हैं और कृष्‍ण की महिमा का गुणगान करते हैं। इस दिन घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन किए जाते हैं। इसके साथ ही मंदिरों में झांकियां निकाली जाती हैं और स्‍कूलों में श्रीकृष्‍ण लीला का मंचन किया जाता है।

कैसे रखे जन्‍माष्‍टमी का व्रत

जो भक्‍त जन्‍माष्‍टमी का व्रत रखना चाहते हैं उन्‍हें एक दिन पहले केवल एक समय का भोजन करना चाहिए। जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह स्‍नान करने के बाद भक्‍त व्रत का संकल्‍प लेते हुए अगले दिन रोहिणी नक्षत्र और अष्‍टमी तिथि के खत्‍म होने के बाद पारण यानी कि व्रत खोल सकते हैं। कृष्‍ण की पूजा नीशीत काल यानी कि आधी रात को की जाती है।

भोग का प्रसाद

नटखट बाल गोपाल के लिए 56 भोग तैयार किया जाता है जो कि 56 प्रकार का होता है। भोग में माखन मिश्री खीर और रसगुल्ला, जलेबी, रबड़ी, मठरी, मालपुआ, घेवर, चीला, पापड़, मूंग दाल का हलवा, पकोड़ा, पूरी, बादाम का दूध, टिक्की, काजू, बादाम, पिस्ता जैसी चीजें शामिल होती हैं। अगर आप भगवान को छप्पन भोग प्रसाद में नहीं चढ़ा पा

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