एजेंसी, पटना। बिहार की सियासत इन दिनों उबाल पर है। जब से जनता दल(यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल महागठबंधन से अलग हुए हैं, रह-रहकर दोनों पक्षों के नेताओं में जुबानी जंग की खबरें आती रहती हैं। ताजा मामला जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और राबड़ी देवी का है। दोनों नेताओं की आपसी अनबन की दस्तक अब ट्विटर पर भी हो गई।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के उस दावे का जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने खंडन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनके पति लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार के जेडीयू का विलय का प्रस्ताव दिया था। प्रशांत किशोर ने इस दावे को झूठा बताया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि सरकारी पदों का दुरुपयोग करने वाले और फंडों में धांधली करने के दोषी ठहराए जा चुके लोग सच के रक्षक बन रहे हैं। प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ‘लालू यादव जी जब चाहें मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं। सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने क्या ऑफर दिया।’
दरअसल राबड़ी देवी ने दावा किया था कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनके पति लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार के जेडीयू का विलय का प्रस्ताव दिया था। राबड़ी देवी ने दावा किया था कि प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद से मुलाकात की थी और प्रस्ताव रखा था कि आरजेडी और नीतीश कुमार के जेडीयू का विलय हो जाए और इस प्रकार बनने वाले नए दल को चुनावों से पहले अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए।