नई दिल्ली। बिहार में जेडीयू के एक प्रतिनिधिमंडल की ओर से चुनाव आयोग से शरद यादव की राज्यसभा सीट पर जल्द चुनाव कराने की अपील की है। बता दे कि जेडीयू नेता के सी त्यागी, आरसीपी सिंह, ललन सिंह और संजय झा इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे और सबने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर ये अपील की है।
जेडीयू नेता ने कहा कि संविधान के मुताबिक छह महीने के भीतर रिक्त सीट पर चुनाव कराना जरुरी है और राज्यसभा के सभापति के फैसले के मद्देनजर शरद यादव की सीट को छह जून तक भरना जरूरी है। जेडीयू का तर्क है कि कोर्ट ने राज्यसभा के सभापति के फैसले को कोई स्थगन आदेश जारी नहीं किया है बल्कि राज्यसभा सदस्य के रुप में उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं को बरकरार रखने की बात कही है।
जेडीयू नेताओं की चुनाव आयोग से मुलाकात पर शरद यादव ने कहा कि कोर्ट-मुकदमों में हमारा दिमाग नहीं चलता है। यह कोर्ट को तय करना है कि राज्यसभा के सभापति का फैसला कितना जायज और नाजायज है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में मजा नहीं आता है। मैं पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुका हूं और फिर चुनाव लडूंगा। देशभर में विपक्ष को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश भी जारी है।
नीतीश कुमार को लिया आड़े हाथों
शरद यादव की ओर से नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा गया। उन्होंने कहा कि वो सत्ता और सरकार के जरिए राजनीति करना चाहते हैं। नीतीश कुमार देश-विदेश घूम सकते लेकिन बिहार में सूई का कारखाना भी नहीं खोल पाए हैं।उन्होंने तो गिट्टी, मिट्टी और रेत को भी नहीं छोड़ा और सब कुछ चौपट कर दिया है। नीतीश कुमार पार्टी नहीं चला रहे हैं, बल्कि नाटक कर रहे हैं लेकिन अब नाटक का कोई मायने नहीं है।
शरद यादव ने कहा कि ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि शराबबंदी कानून के तहत बड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वो सिर्फ वोट लेने के फेर में लगे हुए हैं लेकिन देश में उनकी साख जीरो है। नीतीश कुमार के साथ के लोग उन्हें सही बात नहीं बता रहे हैं केवल फायदे लेने के लिए उनके साथ हैं। आपको बता दे कि पार्टी विरोधी बयान देने की वजह से जेडीयू की ओर से शरद यादव की सदस्यता खत्म करने की अपील राज्यसभा के सभापति से की गई थी।
जिसके बाद दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शरद यादव की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। शरद यादव की सदस्यता खत्म होने के छह महीने पूरे होने वाले है जिसकी वजह से अब जेडीयू की ओर से उस खाली सीट को भरने की मांग की जा रही है। बता दे कि शरद यादव के इस मामले को लेकर 23 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है।