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भाजपा बनाम गठबंधन से इन सीटों के शूरवीर होंगे ‘Fighter Ring’ में, देखें खास दांवपेंच

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संवाददाता, लखनऊ। Lok Sabha Election 6th Phase के तहत रविवार को देश के सात राज्यों की 59 सीट पर मतदान शुरू हो गया है। इस चरण में कई प्रतिष्ठित दावेदारों का भविष्य दांव पर है तो वहीं इस बार कई सीटें ऐसी भी हैं जहां पर चुनावी समीकरण बेहद उलझे हुए हैं। इस चरण के तहत यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में मतदान होगा।

सबसे हॉट सीट है आजमगढ़-

लोकसभा चुनाव के छठें चरण में आजमगढ़ जिले की लोकसभा सीट लालगंज के चुनावों में एक दिलचस्प बात है। 1962 से 2014 तक हुए 14 लोकसभा चुनावों में यहां से 10 बार ऐसे प्रत्याशी जीते जिनके नाम में राम लगा हुआ था. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में बीजेपी की नीलम सोनकर यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं. एक बार फिर नीलम सोनकर मैदान में हैं और उनका मुकाबला बसपा की सीमा आजाद से है।

इस बार आजमगढ़ संसदीय सीट जातीय समीकरण में उलझी हुई है. इसका कारण कोई और नहीं बल्कि बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ है। फिल्मों से राजनीति में एंट्री करते ही ‘निरहुआ’ ने अखिलेश के ‘यादव फैक्टर’ को गड़बड़ कर दिया है। जातीय समीकरण की गोटी सेट कर बीजेपी भी इस सीट पर एक बार अपनी परचम लहरा चुकी है। इस बार भी सपा-बसपा गठबंधन को यादव, मुस्लिम और दलित वोटरों का भरोसा है। वहीं बीजेपी परंपरागत मतों के साथ यादव और दलित वोटरों में सेंधमारी कर रही है।

मेनका ने सुलतानपुर में बढ़ाया जनता का पारा

सुलतानपुर लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. बीजेपी ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ अमेठी के राजा डॉ संजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. गठबंधन की तरफ से बाहुबली चंद्रभद्र सिंह उर्फ़ सोनू की किस्मत भी दांव पर है. वैसे तो मुख्य मुकाबला गठबंधन और बीजेपी के बीच है, लेकिन कांग्रेस ने यहां अपनी ताकत झोंक कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.

पूर्वांचल की महत्वपूर्ण सीटों में से एक संत कबीरनगर में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय कहा जा सकता है. यहां किसी पार्टी के लिए मुकाबला सीधा नहीं रह गया है. जूतम-पैजार के बाद बीजेपी ने मौजूदा सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काट दिया और डैमेज कण्ट्रोल करते हुए प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा. गठबंधन की तरफ से ब्राम्हण प्रत्याशी मैदान में है. कांग्रेस ने पूर्व सपाई भालचंद्र यादव को टिकट दिया है.

महछली शहर काम मुकाबला है दिलचस्प

जौनपुर जिले की मछलीशहर संसदीय सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है. इस सीट से बहुजन समाज पार्टी ने इंजीनियरटी राम को अपना प्रत्याशी बनाया है. उनका मुख्य मुकाबला बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बीपी सरोज से है. पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के आधार पर विश्लेषण करें, तो मछलीशहर सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी लगता है. लेकिन गठबंधन के बाद माहौल बदला है और गठबंधन प्रत्याशी कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

जौनपुर लोकसभा सीट देश के राजनीतिक मिजाज के साथ यहां जाति का गणित ज्यादा महत्वपूर्ण रहता है. जातीय गणित में कई बार यहां स्थानीय मुद्दे भी गायब हो जाते हैं. इस बार यहां से बीजेपी ने सांसद केपी सिंह पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, कांग्रेस से देवव्रत मिश्र व सपा-बसपा गठबंधन से श्याम सिंह यादव ने ताल ठोंकी है. यह सीट गठबंधन में बसपा के खाते में है।

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