नया साल आने वाला है । जिसके लिए बाजार में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं । नए साल के आने के साथ-साथ बाजारों में मिठाइयों और ड्राई फ्रूट्स की मांग भी बढ़ जाती है।
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ऐसे में अब मिठाइयों पर चांदी के वर्क का क्रेज भी बढ़ गया है । चांदी के वर्क के बिना मिठाइयां सुंदर भी नहीं दिखतीं लिहाजा टेस्ट के साथ-साथ लुक भी अच्छा दिखे इसलिए ज्यादातर मिठाइयों को चांदी के वर्क से सजाकर रखा जाता है। आपको बता दें कि सिल्वर फॉइल या चांदी का वर्क आयुर्वेदिक मेडिसिन का सदियों पुराना हिस्सा रहा है और खाने की सामग्रियों को सजाने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा है।
यह खूबसूरत चांदी का वर्क हमेशा चांदी ही नहीं होता बल्कि आजकल सिल्वर जैसे दिखने वाले कई टॉक्सिक मेटल भी बाजार में आ गए हैं और मिठाइयों के साथ-साथ कई दूसरी चीजें सजाने में इन टॉक्सिक मेटल का इस्तेमाल हो रहा है
खाने की चीजों और मिठाइयों में त्योहारों के समय सबसे ज्यादा मिलावट होती है। इस समय सिल्वर के नाम पर अल्युमिनियम का यूज होता है, जो कि सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। खराब क्वॉलिटि के सिल्वर का इस्तेमाल भी कई जगहों पर किया जाता है। अनहाइजीनिक तरीके से मिठाइयों में इसे लगाया जाता है। कई बार इसमें निकेल, लेड जैसे खतरनाक तत्व भी मिले हैं।
ऐसे करें पहचान
मिठाइयों के ऊपर से सिल्वर लीफ को हटाएं। अगर ये उंगलियों पर चिपक जाती है। इसका मतलब है कि इसमें अल्यूमिनियम मिलाया गया है। मिठाइयों से सिल्वर लीफ निकालकर जलाएं। अगर ये सिल्वर है तो जलकर एक सिल्वर बॉल में बदल जाएगा। अगर अल्यूमिनियम हुआ तो जलकर केवल राख बचेगी। हथेलियों के बीच में सिल्वर लीफ को रगड़ें। अगर गायब हो जाता है तो इसका मतलब ये सिल्वर है और अगर इससे बॉल बन जाता है तो ये सिल्वर नहीं बल्कि अल्यूमिनियम है।