नई दिल्ली। केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आखिर वो आधार कार्ड को कंपलसरी कैसी कर सकती है? कोर्ट ने कहा है इस मामले में वो पहले भी सरकार को हिदायत दे चुकी है कि आधार कार्ड को सरकार अपनी योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं बना सकती। ये सिर्फ एक वैकल्पिक दस्तावेज के तौर पर मांगा जा सकता है।
शुक्रवार (21-4-17) को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में आधार जरुरी करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणी दी। हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि वो अगले सप्ताह इस बारे में फैसला सुनाएगा कि इनकम टैक्स फाइल करने के लिए आधार जरुरी किया जाए या फिर नहीं। कोर्ट में आधार कार्ड को अनिवार्य करने को लेकर कोर्ट में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार के पास अब इसे इस्तेमाल करने के लिए कानून है। हमें पता चला है कि कई फ्रॉड कंपनियां फंड्स को ट्रांसफर करने के लिए पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल करती है इसे रोकने का एक मात्र जरिया आधार कार्ड ही है।
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मार्च महीनें सुनवाई करते हुए कहा था कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार का अनिवार्य करना पूरी तरह से गलत है। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि सरकार को बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की जानी है लेकिन इस समय ऐसा संभव नहीं है। हाल ही में सरकार ने करीब एक दर्जन केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के लिए 12 अंको वाले आधार कार्ड को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इसमें स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील की स्कीम भी शामिल था जिस पर बाद में छूट देने का फैसला लिया गया।
इसके साथ ही कुछ दिन पहले सभी रक्षा पेंशनभोगियों और किसी मृतक कर्मी पर आश्रित परिवार के सदस्यों को अब पेंशन प्राप्त करने के लिए 30 जून तक आधार कार्ड के लिए नामांकन करना होगा। रक्षा मंत्रालय ने लाभार्थियों द्वारा पेंशन पाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने संबंधी एक अधिसूचना जारी की है। सरकार वित्तीय लाभों और अन्य सेवाओं के लिए आधार को तेजी से अनिवार्य बना रही है। उसका कहना है कि ऐसे पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।