लखनऊ। राज्य में आए दिन राजनीतिक पार्टियों की सियासत तेज होती रहती है। चुलाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों की हलचलें तेज होती रहती हैं। ऐसा ही कुछ अब देखने को मिल रहा है। विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने बीएसपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और वरिष्ठ नेता राम अचल राजभर की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि यह फैसला अदालत ने बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में लिया है। इसके साथ ही दोनों आरोपी नेताओं को बार-बार वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं हुए थे। जिसके चलते बाद में अदालत ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था।
ये है पूरा मामला-
बता दें कि जुलाई 2016 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह की तरफ से बीएसपी अध्यक्ष मायावती के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के बाद खासा विवाद हुआ था। इसके विरोध में बीएसपी कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने 22 जुलाई 2016 को हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मामले में आरोप लगाया था कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा में उनके परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उसके अगले दिन पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर की अगुवाई में बड़ी संख्या में बीएसपी कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहे पर किए गए प्रदर्शन में तेतरा देवी की नाबालिग पोती और परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में अशोभनीय टिप्पणी की थी और अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।