नई दिल्ली। हमारे देश में केसों की संख्या ज्यादा है और उनका निपटारा करवाने वाले जजों की संख्य कम। अगर आकड़ों को देखें तो देश में एक जज पर लगभग 1 से 2 लाख लोग निर्भर है। लेकिन अब अदालत में किसी भी केस से जुड़ी जानकारी को लोग मिनटों में घर बैठे ही जान सकेंगे। कानूनी मामलों के लिए एक नया आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस युक्त सर्च टूल यूजर्स बनाया गया है, जिससे यूजर्स लाखों कानूनी मामलों के रिकोर्ड में से अपनी जरूरत की सूचनाएं सेकेंडों में मुहैया कर सकेंगे। लेगइटक्वेलस्ट नाम के ये वेबसाइट राष्ट्रीय कानून दिवस के अवसर पर इस सप्ताह के आरंभ में लॉन की गई थी। इस एप के निर्माताओं का कहना है कि ये तकनीक और विधी अनुसंधान का अनुठा मेल है।
उनका मानना है कि इसमें सर्च करने के लिए आईसर्च नाम का बहुत अच्छा फीचर है,जो कि आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमता,मशीन लर्निंग और डाटा एनालिसिस की क्षमताओं से लैस है। ये फीचर यूजर्स को लाखों रिकोर्ड में से कुछ सेकेंड में अपनी जरूरत की जानकारियां खोजने में मदद मिलेगी। आईड्राप एक दूसरा फीचर है जो कम समय में कानूनी पहलुओं का विश्लेषण करने में यूजर्स की सहायता करेगा। इसे मंजूर, उत्कृष्ट, नामंजूर आदि श्रेणी में बांटा गया है। इससे यूजर्स को पूरा फैसला पढ़ने की जरूरत नहीं होगी।
इस स्टार्टअप के संस्थापक और सीईओ करण कालिया का कहना है कि यह भारत में अपनी तरह की पहला वेबसाइट है। देश में कानूनी शोध के लिए न्यायपालिका से जुड़े लोग यानी वकील, जज, शोधकर्ता, स्कॉलर, सरकार, लॉ स्टूडेंट और अन्य लोग परंपरागत तौरतरीकों से ही काम चलाते रहे हैं। अब वे भी इस वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन शोध कर सकेंगे। यह मौजूदा अन्य पोर्टल से अलग है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एके सिकरी ने इस सर्च टूल को लांच करते हुए कहा कि लेगइटक्वेस्ट वकीलों को अप्रासंगिक नहीं बनाएगी, बल्कि उनकी मददगार होने के साथ उनके ज्ञान संवर्धन का जरिया बनेगी।