चीन लगातार मुसलमानों पर जुर्म करता जा रहा है। जिसकी दुनियाभर में आलोचना हो रही है। लेकिन चीन न तो अपनी हरकतों से बाज आ रहा है और न ही मुस्लिमों पर जुर्म करना बंद कर रहा है। चीन सरकार ने शिनजियांग प्रांत में करीब 10 लाख उइगर मुस्लिमों शिविरों में कैद कर रखा है।
इनसे संबंधित एक सरकारी रिपोर्ट पिछले ही महीने लीक हुई थी। इसको दुनिया के 17 मीडिया संस्थानों ने छापा था। इसके मुताबिक, उइगर मुस्लिम कैम्प से भाग न सकें, इसलिए उन्हें दो ताले वाले दरवाजों में रखा जाता है। उन पर 24 घंटे नजर रखी जाती है। टॉयलेट में भी उन पर सैनिकों की नजर होती है।
खबरों की मानें तो चीन सरकार उइगरों की मस्जिदें तोड़ रही है। बच्चों को माता-पिता से अलग किया जा रहा है। कुछ शोधकर्ताओं ने इसे ‘सांस्कृतिक नरसंहार’ बताया है। वहां रह रहे एक उइगर मुसलमान सलीह हुदैयर ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि हमारे समुदाय के कब्रिस्तान जहां उनके दादा-दादी को दफनाया गया था, उसे नष्ट कर दिया गया। सरकार हमारे इतिहास को मिटाने का प्रयास कर रही है। एक अभियान के तहत हमारी सांस्कृतिक पहचान को खत्म किया जा रहा है।
न्यूज एजेंसी के संवाददाताओं ने नष्ट हुए कब्रिस्तानों का दौरा भी किया। वहां हड्डियां मिली। इंडिपेंडेंट के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने बताया कि यह मानव के अवशेष थे। यहां तक कि प्रसिद्ध लोगों की कब्रों को भी नहीं बख्शा गया। प्रमुख उइगर कवि लुत्पुल्ला मुटलिप को जहां दफनाया गया था, उस जगह को मानव निर्मित झील, नकली पांडा और बच्चों के लिए खेल के मैदान ‘हैप्पीनेस पार्क’ में बदल दिया गया। चीनी अधिकारियों ने कहा कि जब कब्रों को स्थानांतरित किया गया तो उन्हें नहीं पता था कि मुटलिप के अवशेषों का क्या हुआ।
इसके साथ ही अब खबर आ रही है कि, चीन में मस्जिदों को तोड़कर टॉयलट बनाना शुरू कर दिया है। इस खबर के सामने आने से चीन का एक और गंदा चेहरा सामने आ गया है।
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चीन की इन्ही हरकतों के चलते अमेरिका ने चीन पर बैन लगाने की भी धमकी दी। इतना ही नहीं अमेरिका ने तो चीन के कई अधिकारियों को बैन भी किया हुआ है।