देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति आन्दोलन के प्रमुख आन्दोलनकारी , वरिष्ठ पत्रकार , लेखक, विचारक , उत्तराखण्ड जनसंघर्ष लोकवाहिनी के केन्द्रीय अध्यक्ष शमशेर सिंह बिष्ट का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया उनका निधन अल्मोड़ा आवास मे हुआ है| ये उत्तराखंड के प्रसिद्ध जन आंदोलनकारी और प्रखर पत्रकार विभिन्न आंदोलनों के अगवा रहे। वह चिपको आंदोलन, वन और राज्य आंदोलन सहित कई बड़े आंदोलनों के अगवा रहे| वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे| उनके निधन की खबर सुनकर कई लोग उनके आवास पर पहुंचे| अंतिम यात्रा में राजनैतिक दलों एवं जनसरोकारों से जुड़े लोग भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जनांदोलन चलाकर विश्वविद्यालय को खोलने में सफलता पायी थी
बता दें कि अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के सन् 1974 में छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद बिष्ट ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जनांदोलन चलाकर विश्वविद्यालय को खोलने में सफलता पायी। बिष्ट ने प्रदेश में चिपको आन्दोलन, नशा नहीं रोजगार दो, पर्यावरण को बचाने के लिए, जल जंगल जमीन आंदोलन आदि चलाकर पर्वतीय क्षेत्र की जनता के हक हकूक के लिए अनेक आन्दोलन चलाकर पर्वतीय जनमानस सहित पूरे प्रदेश एंव देश में एक अमिट छाप छोड़ी।
एक मूर्धन्य आन्दोलनकारी के निधन से अल्मोड़ा सहित पूरा प्रदेश स्तब्ध है
वहीं एक मूर्धन्य आन्दोलनकारी के निधन से अल्मोड़ा सहित पूरा प्रदेश स्तब्ध हैं।आज जनता ने एक सच्चा , स्पष्टवादी और सादगी के मिसाल व्यक्तित्व को खो दिया हैं। उनकी अंतिम यात्रा में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित व्यापारी, गणमान्य,पत्रकार सहित सेकडों की संख्या में लोगों ने विश्वनाथ घाट में अंतिम श्रद्वाजंलि दी।