नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन को आज 61वां दिन है और किसान दिल्ली के चारों और डेरा डालकर जमे हुए हैं। इस बीच किसानों के लिए अच्छी खबर ये है कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की टैक्टर परेड की इजाजत दे दी है। यही कारण है कि दिल्ली की जिन सीमाओं पर प्रदर्शन चल रहा है वहां ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारें लग गई हैं। वहीं आज मुंबई में भी महाराष्ट्र के 21 जिलों से किसान जुटे हैं और आंदोलन का समर्थन करने के लिए वहां के राजभवन का घेराव करेंगे। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर प्रशासन के लिए चुनौती कड़ी कर दी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पर डंडे में झंडा लगा होगा, किसी ने गड़बड़ की तो इलाज कर देंगे।
किसानों की टैक्टर परेड पर गतिरोध जारी है। किसान टैक्टर रैली अपने हिसाब से निकालना चाहते हैं। वहीं पुलिस को कानून व्यवस्था का भी खयाल रखना है। कुछ शर्तों के साथ टैक्टर परेड निकालने की इजाजत दे दी गई है लेकिन शर्तों के साथ परेड निकालना किसानों को मुजूर नहीं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर प्रशासन के लिए चुनौती कड़ी कर दी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पर डंडे में झंडा लगा होगा, किसी ने गड़बड़ की तो इलाज कर देंगे।
दिल्ली-जयपुर हाईवे-48 स्तिथ खेड़ा बॉर्डर से रूट को लेकर पुलिस व किसानों के बीच अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। आज का करीब एक बजे पुलिस व किसान संगठनों के बीच दोबरा बात होगी।
इसी बीच आपकों बतादें कि परेड स्थल पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बड़ा दी गई है और ड्रोन की भी मदद ली जाएगी। आपको बतादें कि तीन राज्यों की पुलिस सुरक्षा में लगेगी और परेड में सादी वर्दी में पुलिस भी मौजूद रहेगी।
शर्तों के साथ टैक्टर रैली मंजूर नहीं-
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि, शर्तों के साथ रैली निकालने की बात को हम नामंजूर करते हैं। सुबह 10 बजे हमारी पुलिस के साथ बैठक है उसमें तय किया जाएगा कि कौन से रूट पर रैली निकालनी है और कितने बजे रैली निकालनी है। 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं बनता है।
मुंबई के आजाद मैदान में जामा हुए किसान-
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए महाराष्ट्र के अलग.अलग हिस्सों से किसान मुंबई के आजाद मैदान में जमा हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, जब तक कानून वापस नहीं होंगे किसानों का आंदोलन नहीं रुकेगा। हम आज रैली करने के बाद राज्यपाल को ज्ञापन देने जाएंगे।