दीवाली अब दूर नहीं है। कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन ही दीवाली का पर्व होता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम वनवास खत्म करके अयोध्या लौटे थे।
दीपावली का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए खासतौर पर जाना जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा कर उनकी कृपा प्रप्त की जाती है।
दिवाली के दिन को धर्म-शास्त्र से लेकर ज्योतिष और वास्तु शास्त्र आदि में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। इस दिन कुछ विशेष काम करने से चमत्कारी नतीजे मिलते हैं। जिससे आप सुख-समृद्धि पा सकते हैं, साथ ही अपने परिवार की तमाम परेशानियों से रक्षा भी कर सकते हैं।
दिवाली से एक महीने पहले ही घरों में साफ-सफाई शुरू हो जाती है। कहते हैं कि दीपावली की रात मां लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं. इसलिए सभी लोग अपने-अपने घरों के साफ-सफाई में लगे रहते हैं।
बुरी नजर से बचने का उपाय:
सिंदूर और सरसों का तेल आपको दीवाली के दिन बुरी नजर से बचा सकता है। इससे घर में वास्तु दोष खत्म होता है। साथ ही आने वाली मुसीबतों से बचा जा सकता है। इसके लिए आपको दिवाली के दिन सरसों के तेल और सिंदूर को मिलाकर घर के मैन गेट पर तिलक लगाना होगा। चाहें तो आप इससे स्वास्तिक भी बना सकते हैं।
तरक्की के लिए उपाय:
सिंदूर और सरसों के तेल शनि देव के प्रभाव से बचाते हैं। जिन पर शनि की ढैय्या या साढ़े साती चल रही हो, उन्हें यह उपाय जरूर करना चाहिए। इसके लिए आपको इस दिन हनुमान मंदिर में सरसों का दीपक जलाना होगा।
मुख्य द्वार पर बनाएं रंगोली:
दीपावली के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने से लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है।
चांदी का स्वास्तिक:
स्वास्तिक का निशान सनातन धर्म की पहचान है।इसे बहुत शुभ माना जाता है। हर शुभ काम से पहले इसे बनाया जाता है। कहते हैं कि ये स्वास्तिक का चिह्न घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
तोरण द्वार:
धनतेरस वाले दिन से घर में तोरण द्वार बनाना चाहिए, केले पत्तों का बना तोरण शुभ माना जाता है। लेकिन, अगर आपके पास केले पत्ते नहीं हैं तो आप फूलों से तोरण द्वार बना सकते हैं।