आय से अधिक संपत्ति के मामले में हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। वीरभद्र सिंह ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दी थी। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने वीरभद्र सिंह की इस याचिका को खारिज कर दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि साल 2015 में सीबीआई ने सितंबर में दर्ज की गई एफआईआर के बाद ही ईडी ने भी एफआईआर दर्ज कर ली थी। ईडी ने वीरभद्र सिंह पर इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे विक्रमादित्य को पूछताछ के लिए बुलाया था।
वही आय से अधिक संपत्ति में वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ हाईकोर्ट की तरफ से एफआईआर को रद्द करने पर रोक लगाने के कुछ वक्त बाद ही 31 मार्च को उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। हाईकोर्ट द्वारा वीरभद्र सिंह का यह दावा खारिज किया गया था कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते एफआईआर दर्ज की गई थी। आपको बता दें कि जांच एजेंसी साल 2009 से लेकर साल 2011 के बीच आय से अधिक धन को इकट्ठा करने पर जांच में लगी हुई है।
वही इस वक्त वीरभद्र सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री के पद पर तैनात थे। ऐसे में जांच एजेंसियों को वीरभद्र सिंह पर आरोप यह है कि उन्होंने आय से अधिक संपत्ति ग्रहण की है। आरोप है कि वीरभद्र सिंह ने वीरभद्र सिंह ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर एलआईसी की कई पॉलिसियों के माध्यम से भारी मात्रा धन का निवेश किया है। वही ईडी ने सीबीआई की तरफ से शिकायत दर्ज किए जाने के बाद संज्ञान लिया था और साल 2015 में मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ धन शोधन की रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया था।