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दो साल पूरे होने पर मोदी सरकार ने प्रचार पर खर्च किए 36 करोड़

Modi 9 दो साल पूरे होने पर मोदी सरकार ने प्रचार पर खर्च किए 36 करोड़

नई दिल्ली| विज्ञापन पर खर्च करने के लिए भाजपानीत केंद्र सरकार ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की बेशक निंदा की होगी, लेकिन उसने खुद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दो साल पूरे होने पर एक दिवसीय कार्यक्रम ‘एक नई सुबह’ के आयोजन के प्रचार और विज्ञापन पर 36 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए।सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आईएएनएस द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी मिली है।दिल्ली में छह घंटे के कार्यक्रम के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों पर उक्त राशि खर्च की गई।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय की ओर से मिले आरटीआई जवाब में कहा गया कि प्रचार पर केंद्र सरकार ने 36,64,88,085 रुपये खर्च किए।दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने गत 29 मई को इंडिया गेट पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया था। प्रिंट मीडिया के विज्ञापनों पर 35.59 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों पर 1.06 करोड़ रुपये व्यय किए गए।इस बीच दूरदर्शन केंद्र ने एक और आरटीआई जवाब में कहा है कि उसने ‘एक नई सुबह’ कार्यक्रम पर कुल 92 लाख रुपये खर्च किए।

आरटीआई जवाब में बताया गया है कि अन्य अंग्रेजी, हिन्दी और क्षेत्रीय दैनिकों के अलावा सभी प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक अखबारों को विज्ञापन दिए गए थे।’एक नई सुबह’ कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया और अमिताभ बच्चन समेत बालीवुड की प्रमुख हस्तियों ने कार्यक्रम में सामाजिक पक्षों का समर्थन किया था। यह कार्यक्रम छह घंटे तक चला था।विज्ञापनों एवं प्रचार पर सार्वजनिक धन की एक बड़ी राशि खर्च करने के लिए केंद्र सरकार और सत्ताधारी भाजपा ने दिल्ली की आप सरकार की कड़ी आलोचना की थी।

दिल्ली सरकार ने साल 2015-16 के लिए प्रचार और विज्ञापनों के लिए 536 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। संशोधित अनुमानों में इस राशि को घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया था।सरकारी विज्ञापनों की विषय वस्तु विनियमन पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने आप सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगाया और उसे विज्ञापनों पर खर्च की गई पूरी राशि सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया।नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में विज्ञापनों और प्रचार पर आप सरकार के खर्च तीन गुना बढ़ गए हैं। इस मद में साल 2015-14 में 25.25 करोड़ रुपये खर्च हुए थे जो साल 2015-16 में बढ़कर 81.23 करोड़ रुपये हो गए।

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