राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में शनिवार को आग लगने के बाद राहत व बचाव कार्य के दौरान 6 मरीजों की मौत की घटना को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए हैं। सीएम योगी ने उन से 3 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। हालांकि केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एस. एन शंखवार का कहना है कि आग की वजह या उससे पैदा हुई हालात से किसी की मौत नहीं हुई है। यह मौतें आग लगने के बाद रेस्क्यू के दौरान हुई हैं। दूसरी ओर मृतकों के परिजन इन मौतों के लिए मेडिकल कॉलेज को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम योगी ने इस घटना पर खुद संज्ञान लेते हुए घटनास्थल का जायजा लेने का फैसला किया है। सीएम योगी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद घटनास्थल का जायजा लिया है। सूत्रों के मुताबिक जानकारी है कि दूसरे अस्पताल में मरीजों को ले जाते वक्त 6 लोगों की मौत हो गई। भीषण आग लगने के कारण ट्रॉमा सेंटर को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। जानकारी है कि आग लगने के बाद ट्रॉमा सेंटर में आग बुझाने के यंत्र काम नहीं कर रहे थे जिस कारण आग बुझाने में काफी दिक्कत हुई। जानकारी के अनुसार आग लगने के बाद जब दमकल विभाग को इस बात की जानकारी दी गई तो दमकल विभाग के कर्मचारी घटनास्थल पर देर से आए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ मंडल आयुक्त से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। उनका कहना है कि आग लगने में अगर किसी का भी हाथ पाया गया तो उसे माफ नहीं किया जाएगा और उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने इस बारे में तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। अस्पताल में मौजूद लोगों का कहना है कि आग लगने के बाद वहां आग बुझाने वाला कोई भी यंत्र काम नहीं कर रहा था। जिस कारण आग बुझाने में काफी दिक्कत हुई। जानकारी के अनुसार आग उस जगह लगी है जहां पर जहां पर अस्पताल में दवाईयां रखी जाती है। सूत्रों के अनुसार जानकारी है कि आग लगने के बाद आलम तो यह था एक स्ट्रेचर पर तीन तीन मरीजों का लाना पड़ रहा था। वही आग बुझाने के लिए 8 दमकल की गाड़ियों को मौके पर आना पड़ा था। जिसके कई घंटों के बाद आग पर काबू पाया।