देहरादून। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा राज्य की उन्नति और प्रगति के लिए आए दिन अथक प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके चलते सीएम किसी न किसी योजना का शिलान्यास करते रहते है। इन योजनाओं को राज्य में लागू करने का उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है। जिसके चलते आज उत्तराखंड के किसानों के लिए तीन लाख का ब्याज मुक्त ऋण वितरण योजना कार्यक्रम शनिवार से शुरू हुआ। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल परिसर से किया। किया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 25 हजार किसानों को तीन लाख और किसान समूहों को पांच लाख का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन पर 40 करोड़ की राशि व्यय की गई-
बता दें कि प्रदेश भर में 100 स्थानों पर एक साथ ऋण वितरण कार्यक्रम किया गया। इसके साथ ही योजना के तहत 25 हजार किसानों को खेती किसानी के साथ ही मत्स्य पालन, जड़ी बूटी, मुर्गीपालन, मौनपालन आदि के लिए ऋण दिया गया। इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किसानों से जो वायदे किए हैं, उन्हें सरकार पूरा कर रही है। साथ ही सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसानों ने भी सरकार की अपेक्षाओं को पूरा करने का काम किया है। किसानों ने अच्छा काम किया। अब सरकार किसानों को तीन लाख रुपये और समूह को पांच लाख का ब्याज मुक्त ऋण दे रही है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में 20 सालों में पहली बार गन्ने का भुगतान सत्र शुरू होने से पहले किया गया। सरकार का प्रयास है कि धान, गेहूं, गन्ना समेत अन्य फसलों का किसानों को समय पर भुगतान हो। इसके साथ ही सीएम ने इस कार्यक्रम में प्रदेश की 200 बहुउद्देशीय कृषि ऋण सहकारी समितियों को कंप्यूटराइजेशन के लिए हार्डवेयर भी वितरित किए गए। जिसके चलते सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन पर लगभग 40 करोड़ की राशि व्यय की गई।
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कृषि कानून किसानों के हित में- सीएम
इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम के दौरान कृषि कानूनों को लेकर कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता है कि इन कानूनों में किया गया सुधार किसानों के अनहित में है। किसानों को छूट दी गई है जहां भी अच्छा मूल्य मिले वह अपना उत्पाद वहां बेच सकते हैं। इसके साथ ही सीएम ने दावा करते हुए कहा कि अगर किसानों को आजादी मिली है तो इन कृषि कानूनों के लागू होने के बाद मिली है।