लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड बांटने की शुरुआत की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस योजना के पहले चरण में 100 गरीब परिवारों को राशन कार्ड अपने आवास पर वितरित किए। लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो राशन कार्ड के झोले और राशन कार्ड दोनों पर देखी गई। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार यूपी में 3 करोड़ से ज्यादा घरों में लोगों को राशन कार्ड मुहैया किए जाएंगे। हालांकि राशन कार्ड और उसके झोले पर छपी अखिलेश यादव की फोटो को आगामी चुनाव के लिए एक बड़े दाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
वहीं इस राशन कार्ड को जारी करते हुए सरकार का कहना है कि इस कार्ड से गरीबों को आर्थिक तौर पर सहायता मिलेगी। इसके साथ ही सपा सरकार ने कहा कि उसने हमेशा से ही गरीबों के लिए काम किया और आगे भी करती रहेगी।
गौरतलब है कि सोमवार को पार्टी की तरफ से अखिलेश को आगामी विधानसभा चुनावों में बतौर सीएम उम्मीदवार पेश करने की बात कही गई थी जिससे सबको लगा कि पार्टी की अंदरुनी कलह अब शांत गो हो गई है लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी से अब भी नाराज है जिसके चलते वो 22 अक्टूबर को होने वाली राज्य कार्यकारिणी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।हालांकि इससे पहले अखिलेश पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में जाने से पहले ही मना कर चुके हैं। बता दें कि बुधवार को उनके घर में आयोजित राशन कार्ड वितरण कार्यक्रम के दौरान जब मीडिया ने उनसे रजत जयंती कार्यक्रम में सम्मिलित होने के बारे में पूछा गया तो अखिलेश ने बात को टालते हुए कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
अखिलेश ने कहा कि अगली सरकार में और अधिक पारदर्शी तरीके से योजनाओं का संचालन और क्रियान्वयन कराया जाएगा, ताकि विरोधी सवाल न खड़ा कर सकें। सपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि आप भी जानते हैं कि इसमें कौन शामिल होता है। सपा के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश के 28 जिलों में जनवरी से और 47 जिलों में मार्च से खाद्य सुरक्षा योजना तो लागू हो गई, लेकिन योजना में शामिल परिवारों को अब तक राशन कार्ड नहीं मिला था। इसी वजह से कई परिवारों को पता भी नहीं था कि वे योजना में शामिल हैं या नहीं।हालांकि शुरुआती चरण में करीब 40 फीसदी पात्र परिवारों के राशन कार्ड तैयार करने का दावा किया गया, लेकिन इसमें कमजोर कागज का कवर पेज होने के कारण वितरित नहीं किया गया।
इसके उपाय के तौर पर 12 करोड़ रुपये के खर्च से कार्डो पर प्लास्टिक कवर चढ़ाने की योजना बनाई गई। उधर राशन कार्ड छपाई का काम करा रहे कल्याण निगम ने भी 20 अक्तूबर तक सभी राशन तैयार करने का दावा किया था।
(अकील सिद्दीकी, संवाददाता)