देश में रोज़ाना तेल की कीमते बढ़ती और घटती रहती हैं । ऐसे में अब एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ौतरी देखने को मिली है।
16 डॉलर बढ़ीं कच्चे तेल की कीमत
कच्चे तेल का भाव इस समय 84 डॉलर के पार है, बावजूद इसके आने वाले समय में इनके दामों में बढ़ोत्तरी का कोई इरादा नहीं है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के खत्म होने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों से लोगों को राहत मिलती रहेगी।
पिछले 70 दिनों से नहीं बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम
आंकड़ों के मुताबिक पिछले करीबन 70 दिनों से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। जबकि इसी दौरान कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़त हुई है और यह दो महीने के उच्चतम लेवल पर पहुंच गया है।
नवंबर महीने में 85 डॉलर था भाव
आंकड़ों के मुताबिक, 11 नवंबर को क्रूड ऑयल का भाव 85 डॉलर प्रति बैरल था। एक दिसंबर को घटकर यह 69 डॉलर पर आ गया था। तब से लेकर अब तक इसमें करीबन 16 डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 40 दिनों में कच्चे तेल की कीमतों मे 16 डॉलर की बढ़ोत्तरी के बाद भी देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हैं।
आयात बिल पर पड़ेगा असर
हालांकि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से देश का आयात बिल बढ़ जाएगा। इसके साथ ही महंगाई और रुपए की कीमत पर भी इसका असर होगा। नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से जरूर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, पर पहले दो लॉकडाउन की तरह इस बार उतनी कड़ाई से प्रतिबंध लागू नहीं हो रहे हैं। यही कारण है कि पेट्रोल और डीजल की मांग बनी हुई है।
मार्च में बढ़ेगी कीमतें !
ऐसा माना जा रहा है कि 10 मार्च के बाद से तेल की कीमतें बढ़ सकती है। फिलहाल कुछ राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार है तो डीजल 100 रुपए के करीब है।