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रक्षामंत्री ने स्वीकारा चीन ने किया है अवैध कब्जा, सेना दे रही करारा जवाब

राजनाथ सिंह
  • संवाददाता || भारत खबर

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच तनाव जारी है और ऐसे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह Defense minister of india ने बड़ा बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने एलआईसी पर भारत और चीन के बीच विवाद पर कहा है कि चीन लगातार अपनी हरकतें कर रहा है लेकिन भारत के सैनिक उनको मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।

 उन्होंने कहा है कि चीन ने बॉर्डर पर सैनिकों में वृद्धि की है और उन्होंने यह स्वीकार किया कि चीन ने अभी तक भारत की जमीन पर अवैध कब्जा किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि पेंगो से लेकर कई इलाकों में चीनी सैनिकों ने कई बार घुसपैठ की कोशिश की है जिसको भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि 29-30 अगस्त को चीनी सैनिकों मे भारत में घुसपैठ की कोशिश की जिन्हें हमारे सैनिकों ने रोक दिया। उन्होंने कहा कि, बॉर्डर पर चीन के सैनिकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए जवाबी तैयारियों में भारतीय सेनाओं ने भी अपने बलों की बढ़ोतरी की है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना या अनहोनी से निपटने के लिए भारतीय सेना हर कदम पर तैनात रहेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सशस्त्र बलों की तैनाती और उनके प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए।

रक्षामंत्री बोले, चीन ने किया है भारत की जमीन पर अवैध कब्जा

भारत की जमीन पर चीन द्वारा कब्जा किए जाने के बाद को स्वीकारते हुए रक्षा मंत्री Defense minister of india राजनाथ सिंह ने कहा कि, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है। उन्होंने कहा कि भारत तथा चीन, दोनों ने, औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा का प्रश्न एक जटिल मुद्दा है जिसके समाधान के लिए धैर्य की आवश्यकता है तथा इस मुद्दे का समाधान, शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा निकाला जाए।

भारत शांति का पक्षधर: Defense minister of india रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

भारत हमेशा शांतिप्रिय रहा है और शांति से द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने की कला जानता है तथा साथ ही किसी भी तरह के मुद्दों को समाधान और चर्चा कर उसकी राह निकालने की बात का पक्षधर है। लेकिन एलएसी पर शांति बहाली सिर्फ भारत के ही सोचने से नहीं होगा इसमें चीन की तरफ से भी पहल की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘अप्रैल महीने से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके गोलाबादूद में वृद्धि देखी गई। मई महीने की शुरुआत में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी सेना के पेट्रोलिंग पैटर्न में व्यवधान  शुरू किया जिसके कारण फेसऑफ की स्तिथि उत्पन्न हुई। हमने चीन को राजनयिक और सैन्य माध्यम से यह अवगत करा दिया, कि इस प्रकार की गतिविधियां, यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास हैं। यह भी साफ कर दिया गया कि ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है।’

 

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