मुंबई। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के नतीजे आने के बाद एक स्थिति तो स्पष्ट हो चुकी है कि यहां पर कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत से अपना काम नहीं कर सकती है। चुनावों से ठीक पहले शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूटने के बाद शनिवार को ऐसी खबरें आ रही थी कि शिवसेना कांग्रेस से हाथ मिला सकती है। लेकिन अब इस बात पर भी पूर्ण विराम लग गया है।
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवेसना से गठबंधन की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जाति और धर्म के आधार पर बांटने वाले दल से कोई समझौता करने के पक्ष में नहीं है। दरअसल शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में शनिवार को गंभीर मतभेद उभर कर सामने आया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव और सीनियर कांग्रेसी नेता गुरुदास कामत ने बीएमसी में शिवसेना को किसी भी तरह के समर्थन का विरोध जताते हुए इन सभी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है।
रिजल्ट आने के बाद बोले उद्धव
चुनावों के नतीजे आने के बाद शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने साफ किया था कि बीएमसी में मेयर उनके होंगे। इस बीच शिवसेना को निर्दलीय वार्ड सदस्यों का समर्थन मिल गया है, जिसके बाद शिवसेना के आंकड़े 87 तक पहुंच गया है। हालांकि अब भी वो बहुमत हासिल नहीं कर पाई है।
वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र निकाय चुनाव में भारी जीत दर्ज करने के बाद शनिवार को भाजपा ने प्रदेश कार्यालय में विजय उत्सव मनाया। इस दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने साफ कहा कि बीएमसी में भाजपा को सत्ता मिले या न मिले। हम कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाएंगे।
उन्होंने शिवसेना का नाम लिए बिना ही तंज कसा कि जिन्हें कांग्रेस के साथ जाना है, वह खुशी से जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगे क्या होगा, हमें उसकी चिंता नहीं है, लेकिन एक बात तय है कि पारदर्शिता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।