नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की बहराइच लोकसभा सीट से बीजेपी की दलित सांसद सावित्री बाई फूले ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फूले ने सरकार की नीतियों के खिलाफ एक अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन करने और रैलिया करने का निर्णय लिया है। ज्ञात हो की योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी के सहयोगी दल पहले ही नाराजगी जता चुके हैं , जिनमें सुहेलदेव पार्टी के ओमप्रकाश राजभर सबसे ज्यादा मुखर होकर सामने आए हैं। वहीं बहराइच की सांसद ने किसी भी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि पार्टी के अंदर आरक्षण को खत्म करने की साजिश चल रही है।
सूत्रों का कहना है कि सावित्री बाई केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों से खफा हैं और वो किसी दूसरे राजनीतिक दल में भी जाने की तैयारी में जुटी हैं। फूले ने कहा है कि इस सरकार में गरीब लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। बता दें कि ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को अपनी पार्टी की बैठक बुलाई थी और वहां भी अपनी नाराजगी जताई है। राजभर पहले ही कह चुके हैं कि वे 10 अप्रैल को अमित शाह के आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वादे के मुताबिक बदलाव हो सके। गौरलतब है कि उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद योगी सरकार के खिलाफ सहयोगी पार्टियों ने आवज बुलंद की है।
ओम प्रकाश राजभर ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खुलकर अपनी निराशा जाहिर की थी और कहा था कि वे सभी को साथ लेकर चलने में नाकाम रहे हैं। प्रदेश में ओबीसी समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। यही नहीं आजमगढ़ से बीजेपी के पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा था। 2014 के लोकसभा चुनावों में आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले रमाकांत यादव ने योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। यादव ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने पूजा पाठ करने वाले मुख्यमंत्री बना दिया। सरकार चलाना उनके बस का नहीं है।