बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंगलवार को 31 मंत्रियों ने शपथ ली। शपथ लेने वाले विधायकों में सबसे ज्यादा आरजेडी के 16 विधायक थे। इस शपथ ग्रहण के बाद आरजेडी एमएलसी कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया।आरजेडी के इन विधायकों में कार्तिकेय सिंह भी शामिल हैं, जो कानून मंत्री बने हैं।
राजद विधायक और अब बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को 16 अगस्त को सरेंडर करना था। उनके खिलाफ कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था।
दरअसल कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज है, इसी को लेकर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने कोर्ट में सरेंडर तो नहीं किया, 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ जरूर ली। जिसके बाद अब ये पूरा मामला सियासी हो चुका है। भाजपा का कहना है कि बिहार में एक बार फिर जंगलराज की शुरूआत हो चुकी है।
ये है पूरा मामला
2014 में राजीव रंजन नाम के शख्स की किडनैपिंग हुई थी। इस मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है। कार्तिकेय सिंह ने ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है। 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे।
कौन हैं कार्तिकेय सिंह?
कार्तिकेय सिंह ने विधान परिषद चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार को पटखनी दी थी। मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह शिक्षक भी रह चुके हैं। बताया जाता है कि अनंत सिंह इन्हें मास्टर साहब कहकर बुलाते हैं। बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं।