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तेजस्वी यादव ने ली डिप्टी सीएम पद की शपथ
नीतीश कुमार ने ली सीएम पथ की शपथ
5 बार नीतीश को सीएम बनाया- भाजपा
2020 में नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मिला- भाजपा
लालू प्रसाद यादव शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे
तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बन सकते हैं
भाजपा के स्पीकर को हटाया जाएगा
नीतीश के खिलाफ पटना में प्रदर्शन
नीतीश पीएम बनना चाहते हैं- भाजपा
नीतीश फिर भ्रष्टाचार की गोद में- भाजपा
पलटूराम हैं नीतीश कुमार- भाजपा
साल 2013 में बीजेपी से तोड़ा था नाता
भाजपा और जेडीयू 1998 में पहली बार एक साथ आए थे। तब से कई बार नीतीश कुमार अपना पाला बदल चुके हैं। साल 2013 में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनावों की जिम्मेदारी दी तब भी नीतीश कुमार खफा हो गए थे। और 17 साल पुराने रिश्ते को तोड़कर आरजेडी से हाथ मिलाया था।
2015 में बनी महागठबंधन की सरकार
नीतीश कुमार ने साल 2015 में राजनीति के अपने बड़े भाई और पुराने सहयोगी लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में बिहार की राजनीति में बदलाव आया और महागठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।
साल 2017 में फिर बदला पाला
साल 2017 में महागठबंधन में दरार पड़ी। नीतीश ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उस दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में डिप्टी सीएम तेजस्वी से इस्तीफे की मांग बढ़ने लगी थी। बाद में नीतीश कुमार ने कहा था कि ऐसे माहौल में काम करना मुश्किल हो गया था। फिर नीतीश ने भाजपा का साथ लिया और सहयोगियों की मदद से बिहार के सीएम बने।
नीतीश का फिर से बीजेपी से मतभेद क्यों?
साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को कम सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बीजेपी ने उन्हें चुनाव में 43 सीटों पर जीत के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया, लेकिन महज दो साल बाद ही मतभेद फिर से उभरकर सामने आए हैं। अब चर्चा है कि लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के सहयोग से नीतीश नई सरकार बना सकते हैं। आरसीपी सिंह से नीतीश कुमार काफी नाराज बताए जाते हैं।