वाशिंगटन। उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए दबाव बनाने के क्रम में अमेरिका सैन्य तैयारियों के साथ–साथ उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा वह कूटनीतिक कदम भी उठाएगा। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
बीबीसी के अनुसार, कोरिया के मुद्दे पर सीनेटरों को जानकारी दिए जाने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप की नीति की घोषणा की गई। उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के शीर्ष सैन्य कमांडर ने दक्षिण कोरिया में उन्नत मिसाइल रोधी प्रणाली स्थापित किए जाने का बचाव किया था। उनका कहना है कि दक्षिण कोरिया में स्थापित उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को “अगर घुटनों पर नहीं तो होश में तो ले ही आएगी।”
प्रशांत कमांड के मुखिया एडमिरल हैरी हैरिस ने अमेरिकी कांग्रेस में कहा है कि अमेरिका उत्तर कोरिया के मिसाइल ख़तरे से निपटने के लिए सर्वश्रेष्ठ तकनीक के साथ तैयार रहेगा। विदित हो कि अमेरिका ने विमानवाहक युद्धपोत के साथ जंगी जहाजों का बेड़ा और परमाणु पनडुब्बी कोरियाई प्रायद्वीप में तैनात की है। वहीं चीन का तर्क है कि दक्षिण कोरिया में स्थापित की जा रही अमरीका की उन्नत मिसाइल रोधी प्रणाली क्षेत्र में सुरक्षा असंतुलन पैदा करेगी, क्योंकि उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु परीक्षण करने की आशंकाओं के बीच कोरिया क्षेत्र में तनाव बढ़ता ही जा रहा है।
एडमिरल हैरिस ने अमेरिकी कांग्रेस में कहा कि उन्हें लगता है कि उत्तर कोरिया के पास जब भी सैन्य क्षमता होगी, वह अमेरिका पर हमला करने की कोशिश करेगा। उन्होंने सदन की सैन्य सेवा समिति को बताया, “हर नए परीक्षण के साथ किम अपने मक़सद के करीब पहुंच रहे हैं जो कि अमेरिकी शहरों पर परमाणु हमले करना है।” उन्होंने आगे कहा, “जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस कह चुके हैं, अमेरिका के पास सभी विकल्प खुले हैं।”