नई दिल्ली। अमेरिका लगातार पाकिस्तान के मसूबों पर पानी फेरता जा रहा है। कभी अमेरिका की गोद में बैठकर पाकिस्तान भारत को आंखें दिखाता था । लेकिन अब वह अमेरिका को भी फूटी आंख नहीं भा रहा है। हाल में भी पाकिस्तान में रह रहे हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था। जिसके बाद पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेन्सी आईएसआई को तगड़ा झटका लगा था। लेकिन अब अमेरिका ने उससे भी बड़ा झटका देते हुए ये मान लिया है कि कश्मीर घाटी में कश्मीर की आजादी के नाम पर हो रही हिंसक वारदातें कोई घटना नहीं बल्कि आतंकी कारनामे हैं। इसके चलते उसने हिजबुल मुजाहिदीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।
अमेरिका की ओर से ये पाकिस्तान को बड़ा झटका है। क्योंकि पाकिस्तान हिजबुल मुजाहिदीन और उसके सरगना सैयद सलाहुद्दीन को खुले तौर पर समर्थन देता रहा है। कश्मीर में छद्म युद्ध छेड़ कर आजादी के नाम पर आतंकवाद का जन्म देने के लिए 1989 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इस संगठन का गठन किया था। पाकिस्तान दुनिया के सामने इस संगठन और इसके आका को कश्मीर के युवाओं का प्रेरणा श्रोत बनाकर पेश करता था। उसका कहना हमेशा से रहा कि वहां का युवा अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा है। इसके लिए उसने एक संगठन बनाया है। लेकिन अमेरिकी कार्रवाई ने पाकिस्तान के मंसूबे को ध्वस्त कर दिया है।
अमेरिकी कार्रवाई के बाद अब पाकिस्तान किसी आतंकी को स्वतंत्रता सेनानी नहीं बता सकेगा। क्योंकि बीते साल बुरहान बानी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने इस कदर नौटंकी की थी । जिसको सारी दुनियां ने देखा था। उसने संयुक्त राष्ट्र में में बानी को स्वाधीनता सेनानी करारा देने की कोशिश तक की थी। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित होने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेन्सियों द्वारा इस संगठन के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर मानवाधिकार संगठन कोई बवाल नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही सेना और सुरक्षाबलों को उनके आंतकवाद विरोधी अभियानों को बल मिलेगा।