नई दिल्ली। जहां एक ओर तीन तलाक को खत्म करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है तो वहीं नवाबों की नगरी लखनऊ में चल रही ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड की बैठक खत्म हुई। ये बैठक बीते दो दिनों से जारी थी। इस बैठक के बाद तीन तलाक के मुद्दे पर मौलाना वली रहमानी ने कहा कि वो तीन तलाक की पाबंदी के खिलाफ है। शरई कानूनों में किसी भी तरह की दखलंदाजी को सहन नहीं करेंगे।
जानिए बोर्ड ने क्या कहा?
-बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा कि वो शरई कानूनों में किसी तरह की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
-देश के ज्यादातर मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी भी तरह का फेरबदल नहीं चाहते।
-मुस्लिम दहेज के बजाय संपत्ति में हिस्सा दें, ताकि तलाकशुदा की सहायता की जाए।
-तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही अपनी राय रखेंगे।
-जिन महिलाओं के साथ तीन तलाक में अन्याय हुआ है बोर्ड उनको हर मुमकिन मदद देगा।
-सर्वे के अनुसार तलाक को जितना बढ़ चढ़ाकर पेश किया गया है मामला उतना गंभीर नहीं है।
-सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर इस्लाम और शरीयक के खिलाफ भ्रम दूर किया जाएगा।
-बोर्ड ने कहा कि शरीयत कारणों के बिना तीन तलाक देने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
-शरीयत के हिसाब से हमेशा निकाह का रिश्ता कायम रहे लेकिन मियां-बीबी में विवाद होने पर आचार संहिता का जारी हो रहा है।
-कोई भी मुस्लिम शादी में फिजूलखर्ची से बचें।
इन्हीं सबके बीच उन्होंने बाबरी मस्जिद मामले में अपनी राय रखते हुए कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के ही निर्णय को मानेंगे। बता दें कि इससे कुछ दिन पहले भी तीन तलाक मामले पर बोर्ड ने अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था चार करोड़ से अधिक मुस्लिमों पर कराए गए सर्वे में सामने आया है कि ट्रिपल तलाक और यूनिफार्म सिविल कोड को लोगू करने के पक्ष में कोई नहीं है, इसके साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि धार्मिक मामलों और पर्सनल लॉ से संबंधित मामलों में सरकार को दखल नहीं देना चाहिए।