featured यूपी

विवादों के बाद भी गंगा-जमुनी फिज़ा है इस शहर की

ayodhya ramlala विवादों के बाद भी गंगा-जमुनी फिज़ा है इस शहर की

नई दिल्ली। कहते है कि अयोध्या विवाद के बाद से देश का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया है। देश में इस विवाद को लेकर कई दंगे भी हुए लेकिन अयोध्या शांत रही। अयोध्या शांत है और शांत ही थी। बस लोग विवाद में फंसे थे। राजनीतिक पार्टियां अपने स्वार्थ में इस मामले को तूल देती रही हैं। लेकिन अयोध्या में भाईचारा बना रहा।

ayodhya-ramlala

गंगा-जमुनी संस्कृति के जुडवां शहर अयोध्या फैजाबाद दोनों में कभी इस बात को लेकर कोई विवाद जैसा माहौल नहीं दिखा था। तभी साल 1992 में अयोध्या स्थित पूर्वांचल के सबसे बड़े छात्र राजनीति के अखाड़े के तौर पर जाने-जाने वाले कामता प्रसाद सुन्दरलाल साकेत महाविद्यालय के छात्रसंघ का अध्यक्ष अफसर मेंहदी के तौर पर एक मुस्लिम चुना गया था। जबकि देश हिन्दू मुसलमान के नाम पर मार-काट कर रहा था।

दोहरी संस्कृति है रामनगरी की
यहां की दोहरी संस्कृति और सभ्यता ही इस नगरी की पहचान रही है। अयोध्या से जुड़ी फिल्म जगत की हस्ती डॉ पंडित किरण मिश्र ने अपनी एक रचना में अयोध्या के इसी भाईचारे का जिक्र कुछ इस अंदाज में किया “अच्छन मियां के फूल चढ़े हैं मंदिर मंदिर द्वार पर भोलानाथ की अगरबत्तियां जलती हर मजार पर… राम करे इस देश में दोनों की यारी बनी रहे जले बत्तियां भोला की अच्छन की बगिया हरी रहे।” अयोध्या अब विवाद नहीं विकास चाहती है।

ayodhya-5

क्या कहती हैं अयोध्या की गलियां
रामनगरी में गलियों के बीच कभी कभी विकास को लेकर चाय की दुकान से मंदिरों तक केवल चर्चाएं ही होती हैं। विकास को लेकर अयोध्या दशकों से इंतजार कर रही है। रामनगरी को विकास के नाम पर बस सुरक्षा की बेडियों में जकड़ दिया जाता है। ये गलियां बार बार सरकारों से विकास को लेकर रो रही हैं। सूबे में समाजवाद की सरकार तो केन्द्र में भाजपा की लेकिन राम फिर भी केवल चुनाव में ही याद आते हैं।

कैसी है राम की अयोध्या
रामनगरी में अगर आप जायें तो सरकारी पथिक निवास के बाद एक या दो ही ऐसे होटल हैं जहां रूकने और भोजन की सारी व्यवस्था है। सरकार की ओर से इस बारे में आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। देश के बड़े शहरों से जोड़ने के लिए रेल लाइनों पर आज तक बड़ी ट्रेनों का आभाव बरकरार है इससे यहां का पर्यटन भी खासा प्रभावित रहता है। मनोरंजन की बात करें तो गांव के मेले में लगने वाले एक वीडियो हाल के अलावा यहां इसकी भी कोई सुविधा नहीं है।

ayodhya-6

शिक्षा के क्षेत्र में मात्र एक राजकीय कन्या विद्यालय को छोड़कर किसी दूसरे विद्यालय की कोई रूपरेखा नहीं आज तक दिखाई पड़ी। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में विकास को लेकर अभी कई योजनाओं के पूरा होने का इन्तजार रामनगरी को है। सड़कों से लेकर घरों तक का कोई पुरसाहाल नहीं है। प्राचीन इमारतें रखरखाव के आभाव में खंडहर बनती जा रही हैं। लेकिन सरकार का इस बात पर कोई ध्यान नहीं है। रामनगरी में इन सब के अलावा सबसे बड़ी समस्या है रोजगार की। किसी तरह के बड़े उद्योग-धन्धों का बाट आज भी ये अयोध्या देख रही है।

piyush-shukla(अजस्रपीयूष)

Related posts

पंजाब से मंगलवार को अब तक पांच ट्रेनों में करीब 6000 श्रमिकों को उनके राज्‍य रवाना किया गया

Shubham Gupta

भाजपा कार्यालय पर नेताओं की बैठक का आयोजन आज

kumari ashu

हरदोई मे कच्ची अवैध शराब के साथ 125 गिरफ्तार

Rahul srivastava