अहमदाबाद। गुजरात दंगों के दौरान हुए गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए 24 आरोपियों को दोषी करार दिया है और 36 को बरी किया गया है।
इस मामले में एसआईटी ने 66 आरोपियों को नामजद किया था जिनमें से नौ आरोपी पिछले 14 साल से जेल में हैं जबकि बाकी आरोपी जमानत पर हैं । इनमें 11 को 302 के तहत दोषी ठहराया गया है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान 6 जून सोमवार को होगा।
कोर्ट ने कहा कि 34 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि साजिश के तहत ये घटनाक्रम नहीं हुआ था। वहीं दंगे में मारे गए पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने कहा कि वह 34 लोगों को छोड़े जाने के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगी।
28 फरवरी 2002 को हजारों की हिंसक भीड़ ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला कर दिया था। इसमें 69 लोग मारे गए थे, जिनमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री भी थे। 39 लोगों के शव बरामद हुए थे और 30 लापता लोगों को सात साल बाद मृत मान लिया गया था।
इस मामले में एसआईटी ने 66 आरोपियों को नामजद किया था जिनमें से नौ आरोपी पिछले 14 साल से जेल में हैं जबकि बाकी आरोपी जमानत पर हैं । एक आरोपी बिपिन पटेल असरवा सीट से भाजपा का निगम पाषर्द है । साल 2002 में दंगों के वक्त भी बिपिन पटेल निगम पाषर्द था । पिछले साल उसने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की ।