नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को भाजपा पर लोक सुरक्षा कानून के तहत फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या कदम को सुप्रीम कोर्ट में एमडीएमके प्रमुख वाइको की याचिका के द्वारा निर्देशित किया गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को निर्देश देने की मांग की गई थी।
अब्दुल्ला को अब कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है, जिसके तहत अधिकारियों को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक किसी भी व्यक्ति को हिरासत में रखने का प्रावधान है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के 81 वर्षीय संरक्षक 5 अगस्त से घर में नजरबंद हैं जब केंद्र ने जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को अनुच्छेद 370 के तहत रद्द करने और राज्य के संघों में राज्य के विभाजन की घोषणा की।
इससे पहले बीजेपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 92% लोगों ने अनुच्छेद 370 का स्वागत किया, वहां सामान्य स्थिति बनी है। इसके बाद संसद में अमित शाह ने कहा कि, फारूक अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार किया गया।