नई दिल्ली। शाहजहांपुर निवासी LLM की छात्रा का शोषण किए जाने के मामले में आखिरकार एसआईटी ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। शाहजहांपुर निवासी LLM की छात्रा का शोषण किए जाने के मामले में आखिरकार एसआईटी ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। शुक्रवार को एसआईटी की टीम पीड़िता को लेकर स्वामी के आश्रम जा पहुंची। इससे पहले SIT की टीम ने करीब 7 घंटे तक स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ की। इस दौरान एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद से छात्रा के आरोपों और रंगदारी के मामले में कई सवाल पूछे।
बता दें कि इससे पहले एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद के वकील, उनके कॉलेज के प्रिंसिपल और दूसरे स्टाफ से पूछताछ कर चुकी है। स्वामी चिन्मयानंद से पुलिस लाइन में स्थित एसआईटी के दफ्तर में पूछताछ की गई। इस दौरान एसआईटी के प्रभारी आईजी नवीन अरोड़ा और उनकी टीम के सदस्य मौजूद थे।
स्वामी का कहना था कि वह जल्दी एक विश्वविद्यालय का निर्माण करने जा रहे थे। कुछ लोग चाहते हैं कि उसका निर्माण कार्य ना हो पाए। इसीलिए उनके खिलाफ पूरी साजिश का ताना-बाना बुना गया। एसआईटी ने उनसे 5 करोड रुपये की रंगदारी मांगे जाने के मामले में भी जानकारी हासिल की। शुक्रवार को इस मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए एसआईटी की टीम शाहजहांपुर में स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम में जांच करने के लिए पहुंची। इस दौरान पीड़ित लड़की भी एसआईटी की टीम के साथ थी।
स्वामी चिन्मयानंद से सारे सवाल छात्रा और उसके आरोपों के बारे में ही पूछे गए। चिन्मयानंद से यह भी पूछा गया कि आखिरकार उनसे जुड़े वीडियो का सच क्या है? वह छात्रा को कैसे जानते हैं? और छात्रा की ओर से लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों के बारे में उनका क्या कहना है? एसआईटी ने कॉलेज के हॉस्टल के कमरे में मिले साक्ष्यों के आधार पर भी स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ की। आरोपों के मुताबिक जो साक्ष्य हॉस्टल के कमरे से गायब हैं, उनके बारे में भी सवाल पूछे गए। हालांकि सूत्रों के मुताबिक स्वामी चिन्मयानंद में सारे मामले को एक गहरी साजिश बताया और कहा कि उनके मुख्य आश्रम की छवि खराब करने के लिए यह साजिश रची गई है।