हरदोई में दिव्यानंद संस्था की एमडी और आश्रम की मुख्य सेवादार दयारानी अग्रवाल का संदिग्ध परिस्थितियों में शव उनके कमरे में पड़ा मिला है। बिस्तर और फर्श पर खून के निशान मिलने से मामला और संदिग्ध हो गया है। आश्रम के लोग और परिजन गुपचुप तरीके से शव लेकर लखनऊ चले गए। मामला आश्रम से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने लखनऊ से शव वापस मंगाकर पोस्टमार्टम करा दिया है।
स्वामी दिव्यानन्द आश्रम की मुख्य सेवादार और दिव्यानंद स्प्रिचुअल संस्था की एमडी दयारानी अग्रवाल की रविवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। संडीला के आश्रम में उनके कमरे के फर्श पर खून के निशान और बिस्तर पर सर के पास काफी खून पड़ा हुआ था। आश्रम के लोगों के मुताबिक सुबह जब काफी देर तक उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला और उनका फोन भी बंद मिला तब सुबह करीब 8:45 बजे सीढ़ी से छत पर चढ़कर जीने के दरवाजा खोलकर लोग ऊपर चढ़े और कमरे में जाकर देखा तो शव बिस्तर पर पड़ा था।
सूचना पर आश्रम के मैनेजर तीरथ सिंह रेखी और दयारानी के भाई बिशब संडीला आश्रम पहुंच गए और बिना किसी को सूचना दिए बिशब आश्रम के कुछ सेवादारों के साथ अंतिम संस्कार के लिए गुपचुप तरीक़े से शव लेकर लखनऊ चले गए। सूचना पर कोतवाल शैलेन्द्र सिंह दलबल के साथ आश्रम पहुंच गए। मामला आश्रम से जुड़ा होने के कारण छानबीन के बाद शव को वापस मंगाने की कवायद शुरू की। काफी जद्दोजहद और लखनऊ पुलिस से संपर्क के बाद परिजन शव वापस लेकर आए। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामे के बाद शव का पोस्टमार्टम करा दिया है।