तमिलनाडु। तमिलनाडु राजनीति एक बार बदल सकती है। पूर्व सीएम की मौत के बाद AIADMK के दो धड़ हो गए थे लेकिन अब इन दोनों पक्षों में विलय हो सकती है। सोमवार को सीएम ई. पलानीस्वामी और पूर्व सीएम ओ. पन्नीरसेल्वम में विलय का ऐलान सोमवार को 12.00 बजे हो सकता है। ऐसे में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के सीएम चेन्नई के अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर तमिनलाडु आ रहे हैं। ऐसे में सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि दोनों पक्षों में सोमवार को विलय हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार खबर है कि ई पलानीस्वामी के पक्ष की शर्त है कि पार्टी की तरफ से शशिकला को बाहर करने का नोटिस जारी किया जाए। पार्टी की महासचिव वी के शशिकला इस वक्त जेल में हैं। उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वाला पहला पाला तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम का रहा था। उन्होंने शुक्रवार को कहा है कि AIADMK को दो पालों में जोड़ की घोषण रात तक हो सकती है। आपको बता दें कि 18 अगस्त को दोनों पक्षों में विलय हो सकता था, लेकिन अंतिम वक्त में किसी कारण इसे टाल दिया गया था। दूसरी तरफ विलय होने के बाद पार्टी को दो पत्तियां वाला चुनाव चिन्ह भी वापिस मिल जाएगा।
वही पन्नीरसेल्वम का कहना था कि AIADMK से किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा था कि AIADMK के कार्यकर्ता की इच्छानुसार दोनों पक्षों में विलय के लिए बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा था कि जितना जल्दी हो सकेगा, कोई अच्छा फैसला लिया जाएगा। पलनिसामी पाले की तरफ से कहा गया था कि पन्नीरसेल्वम की मांगों को गुरुवार की घोषणा के बाद पूरा कर दिया गया है। कहा जा रहा था कि पन्नीरसेल्वम को डिप्टी सीएम बनाया जाए साथ ही इनके पाले के कुछ सदस्यों को पार्टी के मंत्रिमंडल में जगह दी जाए। दो पालों में सीएम पलनिसामी और उप महासचिव टी टी वी दिनाकरन हैं। शशिकला के भतीजे हैं दिनाकरन। सीएम पलनिसामी ने गुरुवार को जयललिता की मौत की जांच करने का आदेश दिया था। लेकिन विलय के लिए पन्नीरसेल्वम पाले की तरफ से कुछ शर्ते भी सामने आई हैं।
शर्ते-
1. शशिकला तथा उनके परिवार को पार्टी से बाहर रखना
2. जयललिता की मौत की न्यायिक जांच कराना
3. जयललिता के आवास को स्मारक में बदलने की शर्त
यह शर्ते पन्नीरसेल्वम पाले की तरफ से सामने आई थी। ऐसे में पन्नीरसेल्वम पाले की तरफ से कुछ वक्त पहले एक प्रस्ताव को पारित किया गया था जिसमें दिनाकरन को उप महासचिव के रूप में नियुक्ति को अनुचित और अवैध घोषित किया गया था। ऐसे में साफ था कि यह दिनाकरन के लिए एक चुनौती है।