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प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए भावुक हुए पीएम, बोले पिता की तरह रखा ख्याल

PM प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए भावुक हुए पीएम, बोले पिता की तरह रखा ख्याल

नई दिल्ली। कुछ टाइम बाद प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म होने से पहले पीएम मोदी ने प्रणब की काफी प्रशंसा की और उनके साथ अपने भावात्मक जुड़ाव के बारे मे बताया जिसको बताते हुए पीएम भावुक हो गए। पीएम ने कहा कि मुखर्जी ने उनका ऐसे ख्याल रखा जैसे एक पिता अपने बच्चे का रखता है। पीएम ने कहा कि उन्होंने हर वक्त मुझे एक बेटे की तरह संभाला है और समझाया है। पुस्तक ‘प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी : ए स्टेट्समैन ऐट द राष्ट्रपति भवन’ को जारी करते हुए मोदी ने कहा कि मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि उन्हें दिल्ली में उनके शुरूआती वक्त में ही मुखर्जी का साथ मिला और पिछले तीन सालों में ऐसी कोई मुलाकात नहीं रही जब राष्ट्रपति ने उनके साथ अपने बेटे जैसा बर्ताव नहीं किया।

PM प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए भावुक हुए पीएम, बोले पिता की तरह रखा ख्याल

बता दें कि मोदी ने भावुक अंदाज में कहा कि मैं ऐसा तहेदिल से कह रहा हूं। कि जैसा एक पिता अपने बेटे का ख्याल रखता है मुखर्जी ने बिल्कुल मेरा ख्याल उसी तरह रखा है। पीएम ने कहा कि मैं जब भी प्रणब दा से मिला तो उन्होंने कहा कि मोदी जी आपको आधे दिन आराम करना होगा। क्योंकि आप इतनी भाग दौड़ करते हैं। आपको अपना काम हिसाब से करना चाहिए। आपको अपने स्वास्थय का ख्याल रखना चाहिए। पीएम उस वक्त ज्यादा भावुक हो गए जिस वक्त उन्होंने प्रणब मुखर्जी की उस बात का जिक्र किया जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से विधानसभा चुनाव को लेकर कहा था कि हार और जीत तो हमेशा होती रहती है लेकिन आपके लिए सबसे जरूरी आपकी सेहत है। आप अपने स्वस्थ्य का ख्याल रखिए। पीएम ने कहा कि उस वक्त उनके भाव बिल्कुल एक पिता के समान थे और यह राष्ट्रपति के तौर पर उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं था, लेकिन उनके भीतर की जो इंसानियत थी, उसने एक मित्र का खयाल रखा उन्होंने मुखर्जी को एक प्रेरणादायी शख्सियत बताया। उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ अपने जुड़ाव को याद किया जिसका उनपर प्रभाव पड़ा।

वहीं मुखर्जी ने भी मोदी के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट की और उनकी सराहना की। एक दूसरे को लेकर दोनों विचार अलग रहे। लेकिन इसे उन्होंने खुद तक रखा और करीबी सहयोग से काम किया। मुखर्जी ने कहा कि इसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध को प्रभावित नहीं किया। मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने कई बार वित्त मंत्री अरूण जेटली से स्पष्टीकरण मांगा और उन्होंने अक्सर विभिन्न मुद्दों पर सरकार के रख को रखा और जेटली ने अक्सर उन्हें एक सक्षम और प्रभावी अधिवक्ता की तरह समझाया, जैसा वह हैं। इस दौरान जेटली भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने कहा कि वह भरोसे के साथ दावा कर सकते हैं कि सरकार का कामकाज कभी प्रभावित नहीं हुआ, उसे रोका नहीं गया और कभी विलंब नहीं हुआ।

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