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अल कायदा ने रची भारत के खिलाफ साजिश, निशाने पर आए भारतीय सैनिक

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घाटी में इन दिनों बेहद ही तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा अब भारत को अपने निशाने पर लेने की कोशिश में जुटा हुआ है। खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा अब भारतीय सेना और हिंदू अलगाववादी संगठन चढ़े हैं। अल कायदा एक आतंकी संगठन है इसने उपमहाद्वीप के मुजाहिदीनों को कब, कहां, कैसे, लक्ष्य के साथ साथ दूसरी चीजों की एक विस्तृत जानकारी बताई है। उपमहाद्वीप के मुजाहिदीनों को दिए दस्तावेज में कहा गया है कि भारतीय सेना से जुड़े हुए सभी लोग उनके निशाने पर हैं। दस्तावेज में कहा गया है कि जो भी सैनिक सेना से छुट्टी लेकर अपने घर गए हुए हैं वह उनको भी नहीं छोड़ेंगे। उनका कहना है कि भारतीय सैनिक शरिया को लागू करने का विरोध कर रहे हैं इसलिए किसी भी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा।

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दस्तावेज में अल कायदा ने देश के सबसे बड़े सूबे यूपी के संभल में रह रहे मौलाना असीम उमर को भारतीय उपमहाद्वीप का सरगना बताया है। खूफिया सूत्रों के आधार पर आपको बता दें कि सुरक्षाबलों के पास सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि अलकायदा ने सभी आतंकी संगठनों से गठबंधन बनाने की अपील की है। ऐसे में खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा का कहना है कि सेना के छोटे से लेकर बड़े सैनिक उनके निशाने पर हैं। उनका कहना है कि जितना बड़ा सेना का अधिकारी होगा उसे सबसे पहले निशाने पर रखा जाएगा क्योंकि भारतीय सेना के सभी सैनिकों के हाथ कश्मीर में रह रहे उनके भाईयों के खून से रंगे हुए हैं।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात के कुछ वक्त पहले भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दोनों देशों के बीच मुलाकात से कुछ ही वक्त पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सलाहुद्दीन का नाम अपनी ग्लोबल टेररिस्ट की श्रेणी में डाल दिया है। सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित करते हुए अमेरिका ने कश्मीर में बढ़ रहे तनाव का भी जिक्र किया है। जानकारी के अनुसार यह खबर पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात के बाद सामने आई है। वही इस घोषणा के बाद अमेरिका के किसी भी नागरिक की सलाउद्दीन के साथ किसी भी तरह के संबंध पर पाबंदी होगी। घोषणा के अंतगर्त सलाउद्दीन की किसी भी तरह की संपत्ति जो अमेरिका न्यायिक क्षेत्र में आती है, उसे सील कर दिया जाएगा। वही भारत के नजरिए से देखा जाए तो यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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