नई दिल्ली। दिल्ली के दिल कहे जाने वाली कनॉट प्लेस स्थित रीगल बिल्डिंग में रविवार को आयोजित हुआ दिल्ली की पहली ह्यूमन लाइब्रेरी में कई राज्यों से लोग शिरकत करने के लिए पहुंचे इसमें विभिन्न आयु वर्ग के लोग हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे लेकिन सबसे अधिक संख्या युवाओं की थी दिल्ली हरियाणा ही नहीं कोलकाता और ग्वालियर से भी लोग इसमें भाग लेने आए थे।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए गवालियर से आए श्रेयांश ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम में आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता हैं यही वजह हैं कि मैं इसमें भाग लेने के लिए आया हुं वहीं डीयू के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की लाइब्रेरी में कार्यरत गौरव राजगुप्ता ने बताया कि मेरे मामा को कैंसर हैं और मैं यहां कैंसर को मात दे चुके ह्यूमन बुक से मिलना चाहता था।
यहीं दिल्ली की रहने वाली छात्रा विशाखा ने बताया कि मुझे फेसबुक के माध्यम से इस कार्यक्रम की जानकारी मिली मैं उन लोगों से रुबरु होना चाहती थी जिन्होंने जीवन में काफी संघर्ष कर मुकाम हासिल किया हैं आपके लिए ह्यूमन लाइब्रेरी नया कॉन्सेप्ट हो सकता हैं।
क्या है ह्यूमन लाइब्रेरी
ह्यूमन लाइब्रेरी में लोग अपने अनुभवों को वहां उपस्थित लोगों के बीच साझा करते हैं इसकी सबसे खास बात है कि यहां पाठक ‘इंसानी किताब’ के मार्फत अपने पूर्वाग्रहों से सीधे दो-चार होते हैं और उस मुद्दे पर अपनी समझ को साफ करते हैं जिसके बारे में उन्हें कुछ भी गहराई से पता नहीं था।
क्या है इसका मकसद
आपको बता दें कि ह्यूमन लाइब्रेरी का मकसद किसी भी व्यक्ति को अकेलेपन और अवसाद से निकालना होता हैं यह एक अनोखी लाइब्रेरी होती हैं जिसमें आप 30 मिनट के लिए किसी शख्स को किराए पर लेकर उसकी रियल लाइफ के बारे में जान सकते हैं आप इस तरह की लाइब्रेरी में उसके जीवन से जुड़े किसी भी सवाल के बारे में पूछ सकते हैं।
बता दें कि देश में सबसे पहले इंदौर में पहली ह्सूमन लाइब्रेरी शुरु हुई थी उसके बाद मुंबई हैदराबाद और दिल्ली चौथा शहर हैं जहां ऐसी लाइब्रेरी की शुरुआत की गई हैं।
दुनिया में अवसाद एक बड़ी समस्या बन चुकी है सी को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले 2000 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में ह्यूमन लाइब्रेरी विकसित की गई इसकी शुरुआत रॉनी अबरजेल ने की थी इस समय दुनिया भर के 80 देशों में ह्यूमन लाइब्रेरी का चलन बढ़ा है।