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कोलंबो में मोदी ने आतंक को बताया शांति का सबसे बड़ा दुश्मन

जजजज कोलंबो में मोदी ने आतंक को बताया शांति का सबसे बड़ा दुश्मन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समारोह में हिस्सा लेने के साथ-साथ पूजा में भी भाग लिया। पीएम ने यहां कार्यक्रम को भी संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि दुनिया के लिए आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती शांति स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए राष्ट्रों के बीच संघर्ष जरूरी नहीं है। आतंकवाद नफरत और हिंसा पर आधारित मानसिक स्थिति का नतीजा है, दक्षिण एशिया में आतंकवाद सिर्फ विध्वंस की भावनाओं के साथ अपनी जड़ें जमा रहा है।

जजजज कोलंबो में मोदी ने आतंक को बताया शांति का सबसे बड़ा दुश्मन
बता दें कि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन श्रीलंका, भारत और सभी बौद्ध धर्म के लोगों के ऐतिहासिक दिन है। भारत के बोधगया में ही प्रिंस सिद्धार्थ बुद्ध बने थे। बुद्ध का वाराणसी से खास रिश्ता है, मैं उसी जगह का प्रतिनिधित्व करता हूं।

कोलंबो-वाराणसी को मिली सौगात

साथ ही मोदी ने कहा कि आज श्रीलंका बौद्ध के ज्ञान पाने के लिए सबसे अच्छी जगह है। भारत और श्रीलंका की दोस्ती में बुद्धिज्म के अहम हिस्सा है। पड़ोसी होने के नाते हमारे रिश्तों की कई परतें हैं, बुद्धिज्म इसके एक अहम परत है। मोदी ने ऐलान किया कि कोलंबो और वाराणसी के बीच सीधे यात्रा कर सकेंगे यात्री, इससे उन्हें कुशीनगर जाने में आसानी होगी। इसके साथ ही आप बाबा काशीनाथ के दर्शन भी कर सकेंगे। यह सेवा अगस्त में शुरू होगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि निवेश और कारोबार में श्रीलंका हमारा अहम सहयोगी है। पीएम ने कहा कि समुद्री इलाकों की सुरक्षा करना काफी जरूरी है। भारत हमेशा ही श्रीलंका के साथ खड़ा होगा। पीएम ने कहा कि निवेश और कारोबार में श्रीलंका हमारा अहम सहयोगी है। पीएम ने कहा कि समुद्री इलाकों की सुरक्षा करना काफी जरूरी है। भारत हमेशा ही श्रीलंका के साथ खड़ा होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिकोया में ही भारतीय मूल के तमिल लोगों को भी संबोधित करेंगे। जिसके बाद पीएम श्री दलादा मालीगावा मंदिर भी जाएंगे। आपको बता दें कि श्रीलंका सरकार की ओर से कहा गया है कि पीएम के इस दौरे पर मछुआरे या किसी अन्य बड़े मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी। पीएम सिर्फ यहां पर अंतरराष्ट्रीय वैशाख दिवस के समारोह में हिस्सा लेने आये थे।

पीएम के दौरे से चीन को लगा झटका

श्रीलंका ने कोलंबो में पनडुब्बी खड़ा करने के चीन की गुजारिश को ठुकरा दिया है। चीनी पनडुब्बी को खड़ा करने की इजाजत को लेकर 2014 में भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी का कहना है कि उन्होंने (चीन) 14 मई और 15 मई को पनडुब्बी खड़ा करने की इजाजत मांगी थी। जिससे हमने इनकार कर दिया था। सरकारी सूत्रों ने कहा कि भविष्य में भी ऐसी गुजारिशों को ठुकरा दिया जाएगा। श्रीलंका की ओर से इनकार किए जाने का यह कदम उस वक्त उठाया गया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर है। यहां वह शुक्रवार को बैसाख दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे।

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