नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद केंद्र सरकार चरमपंथ और आतंकवाद के मुद्दे पर सख्त रवैया अख्तियार करने में लगी हुई हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से नेशनल सेक्योरिटी गार्ड के मूवमेंट के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब सेना के जवानों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने के लिए एनएसजी को ‘ग्रीन कॉरिडोर’ मिलेगा।
क्या होगा फायदा
ऑपरेशन चलाने के लिए सेना के जवानों को बिना किसी ट्रैफिक का सामना किए सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान देना होगा। गृह मंत्रालय के इस कदम की सरहाना करते हुए भारत सरकार का कहना है कि सेना को ग्रीन कॉरिडोर मिलने से एनएसी कमांडो को आपरेशन स्पॉट पर तुरंत पहुंचने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में ये भी कहा गया है कि ग्रीन कॉरिडोर मिलने से ऑपरेशन को सही तरीके से कम समय में अंजाम देने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही आतंकी हमले का जवाब देने के लिए रेस्पांस टाइम कम से कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है। 15 अप्रैल से 20 अप्रैल तक देश के कई शहरों में एनएसजी के ग्रीन कॉरिडोर का मॉकड्रिल किया गया।
क्या है एनएसजी?
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड भारतीय सेना के जवानों की स्पेशल फोर्स यूनिट है, जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में हो रही आतंकियों गतिविधियों से निपटना, देश के अंदर हो रहे नक्सली हमलों से जवानों को बचाना है। एनएसजी गार्ड को आम तौर पर ‘ब्लैक कैट’ नाम से भी जाना जाता है।