उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल विधानसभा सीटों के मुकाबले में अब राजधानी लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट का नाम भी अब उसमें शुमार हो गया है। भाजपा ने महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाति सिंह को पार्टी का चेहरा बनाकर मुकाबले को रोचक करने का मन बना लिया है। स्वाति सिंह का नाम उस समय सुर्खियों में आया था जब भाजपा नेता दयाशंकर ने मायावती के खिलाफ टिप्पणी कि थी और पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिय़ा था। स्वाति सिंह, दयाशंकर की पत्नी है।
21 जुलाई 2016 के उस दिन से पहले ही शायद स्वाति सिंह ने कभी ये भी नहीं सोचा होगा कि वो पहले महिला मोर्चा की कमान संभालेगी और फिर भाजपा उन्हें प्रत्याशी बनकर रणभूमि में उतरेंगी। 21 जुलाई के बाद स्वाति सिंह ने ना सिर्फ मायावती के खिलाफ मोर्चा खोला बल्कि उन्हें इस कगार पर लगाकर खड़ा कर दिया है जब भाजपा को उनमें जीत की उम्मीद दिखाई देने लगी है। भाजपा को जो उम्मीदें दिखाई दे रही है स्वाति सिंह भी उसमें अपना भविष्य देखने में लगी हुई है। स्वाति सिंह को उम्मीद है कि वो जीतकर पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरेंगी।
दरअसल, दयाशंकर सिंह ने उसी दिन बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद बसपा के कार्यकर्ताओं ने जमकर दयाशंकर के घर के बाहर प्रदर्शन किया था। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। बसपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा को इतना मजबूर कर दिया कि वो दयाशंकर को पार्टी से निष्कासित कर दें।
एक तरफ पार्टी ने दयाशंकर को बाहर का रास्ता दिखाया तो दूसरी तरफ पूरे 9 दिनों तक उनका जीना दुश्वार कर दिया। 9 दिनों तक वो भागते रहे। उनकी एक टिप्पणी के कारण दायशंकर को चारों ओर से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। तब स्वाति सिंह, दयाशंकर का सुरक्षा कवच बनकर उनके बचाव के लिए उतर गई थी। स्वाति सिंह बसपा कार्यकर्ताओं की टिप्पणियों का जोरदार अंदाज में विरोध करने के लिए बाहर निकलीं और मायावती के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया।
स्वाति सिंह ने जिस आक्रामक अंदाज़ में इस पूरे मुद्दे पर अपने पति का पक्ष रखा, उससे पार्टी को भी शर्मसार नहीं होना पड़ा और पार्टी को उनमें संभावना नज़र आई और उन्हें पार्टी के राज्य महिला मोर्चा की कमान सौंप दी। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने स्वाति को उस सीट से उतारा है जहां पर जीत की संभावनाएं पहले से ही कम है। क्योंकि सरोजनीनगर सीट पर अब तक हुए विधानसभा चुनावों में कभी भारतीय जनता पार्टी को जीत हासिल नहीं हुई है।
स्वाति सिंह आकर्षक हैं, युवा हैं, उनमें एक तरह का तेवर भी नज़र आया है। लड़ने भिड़ने की क्षमता भी वे दिखा चुकी हैं। इसलिए भाजपा ने उन पर भरोसा दिखाय़ा है।
दयाशंकर के जनाधार पर स्वाति सिंह
स्वाति सिंह के राजनीतिक इतिहास के पन्ने पलट कर देंखे तो पता चलेगा कि वो दयाशंकर के आधार पर चुनाव लड़ेगी। दयाशंकर छात्र राजनीति से निकला वो चेहरा है जो यूपी में भाजपा सरकार के समय पार्टी के युवा मोर्चे का चेहरा बनें। कई बार पार्टी ने दया को युवा मोर्चा छोड़कर सत्ता का ताज पहनाने की कोशिश की लेकिन इसे वक्त का फेर कहें या फिर किस्मत वो एक बार भी सत्ता का ताज ना पहन सकें।
भाजपा के लिए दयाशंकर ना सही लेकिन स्वाति सिंह जरूर सरोजनी नगर से रामबाण साबित होंगी। भाजपा ने जिस भरोसे के साथ स्वाति पर दांव खेला है उसे देखकर तो लगता है कि स्वाति महिला मोर्चा के बाद प्रदेश में भाजपा का महिला चेहरा बनने में कामयाब रहेंगी। हालांकि यह भरोसा वो जीत पाएंगी या नहीं इस पर तो पता विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही चलेगा।ट
आशु दास