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सहारा डायरी केसः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की प्रशांत भूषण की याचिका

Supream court सहारा डायरी केसः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की प्रशांत भूषण की याचिका

नई दिल्ली। सहारा डायरी केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्णय लेते हुए दायर याचिका को खारिज कर दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि याचिकाकर्ता के पास पूरे सबूत ना होने के चलते याचिका को खारिज किया जा रहा है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले को लेकर याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत मिली है।

Supream court सहारा डायरी केसः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की प्रशांत भूषण की याचिका

गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले पर 17 दिसंबर को सहारा बिड़ला डायरी के मामले पर सुनवाई हुई थी, उस दौरान भी याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण से पूछा गया था कि जिन ठोस सबूतों को लेकर इस याचिका को दर्ज कराया गया था वो सबूत कहां हैं? जिसपर प्रशांत ने कहा था कि उन्हें आयकर विभाग से तीन तरह के डाक्यूमेंट मिले थे, जिसकी पढ़ाई के लिए उन्होंने अदालत से समय मांगा था।

भूषण ने करीब दो घंटे तक कोर्ट को इस बात के लिए आश्वस्त करने की कोशिश की कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि टू-जी घोटाला और कोयला घोटाला के मामले में सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई और इस मामले में पैसे देने के सबूत हैं। इसका विरोध करते हुए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि किसी छापे में कोई कागज़ मिलना उन लोगों के खिलाफ एफआईआर का आधार नहीं बन सकता जिनके नाम उस कागज़ में हैं। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि मोदी जी को कारपोरेट घरानों ने पैसे दिए। उन्होंने कहा कि मैं भी लिख सकता हूं, मैंने राष्ट्रपति को पैसे दिए, सिर्फ मेरे लिखने पर क्या एफआईआर दर्ज हो सकती है? उन्होंने कहा कि अगर इस तरह कार्रवाई को आधार बनाया गया तो देश में कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं बचेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सेटलमेंट कमीशन के आदेश पर नहीं बल्कि डायरी पर सवाल उठा रहा है।

बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सबूतों की कमी के कारण खारिज कर दिया। गौरतलब है कि इस मामले में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने आवाज उठाई थी। राहुल ने एक सभा के दौरान कहा था कि सहारा की तरफ से 6 महीने में मोदी को 9 बार पैसे भेजे गए हैं। सहारा-बिरला ग्रुप पर आयकर विभाग के छापों के दौरान कुछ डायरियां मिलीं थीं। इनमें कथित रूप से कुछ नेताओं से लेनदेन का ब्योरा दर्ज था। इन्हीं डायरियों को आधार बनाकर भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन दायर की थी।

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