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रोजगार की कमी होने पर देश में बढ़ सकती है अशांति : प्रणब मुखर्जी

past eight decades Indian airforce emerged as a power Pranab Mukherjee रोजगार की कमी होने पर देश में बढ़ सकती है अशांति : प्रणब मुखर्जी

छिंदवाड़ा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर आने वाले समय में नौकरी की कमी आई तो देश में अशांति और हताशा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आधी आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम रहेगी हमारे युवाओं के पास यदि नौकरी होगी तो वे हमारी परिसंपत्ति होंगे लेकिन सही रोजगार न मिलने पर उनमें आक्रोश भी हो सकता है।

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बुधवार को सीआईआई कौशल प्रशिक्षण केन्द्र के वार्षिक दिवस समारोह में राष्ट्रपति ने हिस्सा लिया और देश के भविष्य के बारे में चुनौतियों से अवगत कराया। राष्ट्रपति ने कहा कि रोजगार पाने के लिए कागजी योग्यता ही पर्याप्त नहीं होगी, इसके लिए कौशल आवश्यक है। हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से हर साल बड़ी संख्या में स्नातक निकलते हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर बेरोजगार रहते हैं। हमारे युवाओं को रोजगार की जरूरत है। दूसरी तरफ, हमारे उद्योगों को पर्याप्त कुशल जनशक्ति खोजने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, दुनिया के विकसित देशों में अधिकतर आबादी अधिक उम्र वाली है। भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं तीव्र आर्थिक विकास की साक्षी रही हैं। इसलिए हमें हर संभव तरीके से कौशल विकास को बढ़ावा देकर इस अवसर को प्रयोग में लाना चाहिए।

इसके साथ ही कहा, इस चुनौती से निपटने के लिए 2010 में राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद का गठन किया गया था। बड़े पैमाने पर कौशल विकास की जरूरत पर विशेष ध्यान देते हुए वर्तमान सरकार ने 2014 में कौशल विकास के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया।

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