नई दिल्ली। बुरहान वानी के बड़े भाई खालिद वानी को जम्मू कश्मीर की भाजपा और पीडीपी की गठबंधन वाली सरकार ने 4 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इस घोषणा के बाद से लगातार विपक्ष सीएम महबूबा की जमकर आलोचना कर रहा है। सूत्रों के हवाले से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक यह मुआवजा घाटी के उन आम नागरिकों को दिया जाता है जोकि आतंकी वारदातों या फिर सैनय कार्यवाही में अपनी जान गंवा देते हैं।
भाजपा के गठबंधन वाली पीडीपी सरकार ने इसी नियम के आधार पर वानी के परिवार को मुआवजा देने का निर्णय ले रही है। इस पर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं, विपक्षी पार्टियों ने सरकार और घाटी में उसके गठबंधन पर निशाना साधते हुए इस घोषणा को सेना का मनोबल तोड़ने वाला और मुआवजे के नियमों का उल्लंघन बताया है। आपको बता दें कि घाटी में बुरहान वानी की सेना के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी।
भारतीय जनता की तरफ से अभी तक इसपर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, पर एक टीवी शो के दौरान भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि यह कोई अंतिम लिस्ट नहीं है बल्कि इस लिस्ट पर सात दिनों तक जनता का विरोध देखा जाएगा जिसके बाद यह लिस्ट स्वतः निरस्त हो जाएगी।