भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में बद्रीनाथ यात्रा सोमवार को रोक दी गई थी लेकिन मंगलवार सुबह बारिश रूकने के बाद अब यात्रा फिर से शुरू हो गई है।
यह भी पढ़े
पी चिदंबरम के बेटे के 9 ठिकानों पर CBI की रेड, कई मामलों में की जा रही जांच
सोमवार को भारी बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे पर खचड़ा नाले में जलस्तर बढ़ गया और पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे। बदरीनाथ धाम से लेकर जोशीमठ तक सोमवार को भारी बारिश हुई। वहीं बारिश के कारण केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग गौरीकुंड में बाधित है। बारिश के कारण गौरीकुंड का मार्ग बाधित हो गया जिस कारण यहां यात्रियों का लगा लंबा जाम लग गया।
अब तक 41 यात्रियों की मौत
चारधाम यात्रा में अब तक 41 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा मौत केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई। इस दौरान 15 यात्रियों ने अपनी जान गंवाई। वहीं, यमुनोत्री में 14, बद्रीनाथ में 8 और गंगोत्री में चार श्रद्धालुओं की मौत हुई। ज्यादातर श्रद्धालुओं की मौत हाई ब्लड प्रेशर, दिल संबंधी बीमारियों, पहाड़ी पर चढ़ने संबंधी बीमारियों से हुई है।
डॉक्टरों की सलाह पर करें यात्रा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अस्वस्थ यात्रियों से अपील की कि वे चिकित्सक की अनुमति के बिना यात्रा शुरू न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे देशभर के श्रद्धालुओं से अपील करते हैं कि जो लोग शारीरिक रूप से अभी स्वस्थ नहीं हैं, वे जब तक डॉक्टर न कहे, तब तक यात्रा प्रारंभ न करें।
साढ़े पांच लाख से अधिक भक्तों ने किए दर्शन
गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ धामों में ग्रीष्मकाल के दर्शनार्थ कपाट खुलने के बाद, सोमवार शाम 4 बजे तक कुल 5 लाख, 68 हजार, 581 भक्तों ने दर्शन लाभ प्राप्त किए हैं।