प्रधानमंत्री के कृषि कानूनों के वापस लेने के फैसले का संयुक्त किसान मोर्चा ने स्वागत किया है। किसान मोर्चा का कहना है कि सरकार ने कृषि कानून बिल वापस लेकर अच्छा किया है। लेकिन हम सही तरीके से संसद में कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया का इंतजार करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम को ये भी याद दिलाया कि किसानों का आंदोलन सिर्फ कानून वापस होने के लिए नहीं हैष बल्कि इस लिए भी है कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले। एमएसपी गांरटी मिले। किसानों की अभी ये अहम मांग बाकी है। संयुक्त किसान मोर्चा सभी घटनाक्रमों पर ध्यान देगा, जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा।
बता दें कि पीएम मोदी ने कोरोना काल से लेकर अब तक राष्ट्र को 11 बार संबोधित किया। ये पीएम का 11वां संबोधन था जिसमें उन्होंने तीनों कृषि कानून बिल वापस लेने का वापस फैसला लिया। घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि सिर्फ कानून वापस लेना हमारा मुद्दा नहीं है। इसके अलावा भी हमारी कई मांगे है। उन्होंने कहा कि पीएम ने सिर्फ कानून वापस लेने की बात कही है। लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी बनाने और बिजली अमेंडमेंट समेत अन्य मुद्दों पर अभी बात होनी बाकी है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री की घोषणा को लेकर बातचीत कर रहा है, आगे की रणनीति जल्द बताई जाएगी। राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून बिल वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।