लखनऊ: कल लोकसभा में मोदी सरकार ने ओबीसी से संबंधित 127 वां संविधान में 127वां संशोधन विथेयक पेश किया।अब राज्यों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा। यूपी में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश की 39 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए आयोग यूपी सरकार को इसकी संस्तुति भेजी जाएगी।
79 जातियां ओबीसी में शामिल
उत्तर प्रदेश में 79 जातियां ओबीसी सूची में है। प्रदेश में इन जातियों की कुल आबादी 54 प्रतिशत मानी जाती है। यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के चेरयमैन ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास 70 जातिओं के प्रतिविदेन आए थे। जिसमें से 39 प्रतिवेदनों को मानकों के आधार पर विचार कर चयनित किया गया है। इसके साथ ही 24 जातियों की आबादी और अन्य विषयों पर सर्वे कराया गया है।
15 जातियों का सर्वे बाकी
सर्वे में यह विश्लेषण किया गया है कि अभी 15 अन्य जातियों का भी सर्वे कराया जाना बाकी है। सर्वे को पूरा कराने के बाद जातियों को ओबीसी की सूची में अधिसूचित करने पर फैसला लिया गया है। 2019 में सामाजिक न्याय समिति ने 2019 में ओबीसी जातियों की संख्या की रिपोर्ट दी गई थी।
- दोसर वैश्य
- रूहेला
- मुस्लिम शाह
- मुस्लिम कायस्थ
- हिंदू कायस्थ
- बर्नवाल
- कमालुपरी वैश्य
- भूर्तिया
- अग्रहरि
- दोसर वैश्य
- जैसवार राजपूत
- कोर क्षत्रीय राजपूत
- अयोध्वावासी वैश्य
- केसरवानी वैश्य
- बागवान
- ओमर बनिया
- माहोर वैश्य
- हिंदू भाट
- गोरिया
- बोट
- पंवरिया
- उमरिया
- नोवाना
- मुस्लिम भाट
इन जातियों का सर्वे कराया जाएगा
- खार राजपूत
- कुंदेर खरादी
- विश्नोई
- बिनौधिया वैश्य
- सनमाननीय वैश्य
- गुलहरे वैश्य
- गधईया
- राधेड़ी
- पिठबज