Kamika Ekadashi 2021: सावन मास की पहली एकादशी कामिका एकादशी होती है। यह सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है। इस साल कामिका एकादशी 4 अगस्त दिन बुधवार को है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इसलिए इस दिन भगवान श्री हरि की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसी कहवात है कि भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हा जाते हैं। और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
कामिका एकादशी व्रत का पारण-
कामिका एकादशी व्रत का पारण 05 अगस्त को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट के बीच होगा।
भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न करें?
कामिका एकादशी के दिन पूजा के आखिरी में भगवान विष्णु की आरती अवश्य करनी चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि पूजा के बाद आरती करने से जो विधि-विधान में कमी होती है वह पूरी हो जाती है। और उसका पूरा फल मिलता है।
कामिका एकादशी महत्व-
कामिका एकादशी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली और उसके पापों से मुक्ति दिलाने वाली है। इस व्रत का महत्व खुद भगवान कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था।
पूजा करने की विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
एकादशी के दिन व्रत भी रखें और भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रहे कि सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें।
ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।