लखनऊ। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ (रजि0) द्वारा पूर्व घोषित तिथि के अनुसार मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यालय का घेराव का सकारात्मक असर दिखाई दिया है। प्रदेश के सभी जिलों से आये लगभग 2000 संविदा कर्मचारियों ने घेराव किया था।
संघ के अध्यक्ष ठाकुर मयंक प्रताप सिंह की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन के बाद शासन में हलचल मच गई। संगठन की 5 सूत्रीय लम्बित मांगों पर अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 3 बिंदुओं पर सहमति बनी है।
जिसमें प्रथम ट्रांसफर पालिसी की बहाली के मुद्दे पर म्यूचुअल ट्रांसफर पर सहमति बनी। आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत एमसीटीएस कम्प्यूटर ऑपरेटर को जिला स्वास्थ्य समिति में समायोजित किये जाने पर सहमति हुई और पूर्ण हो चुकी वेतन विसंगति का निराकरण शीघ्र निस्तारण करने पर सहमति बनी।
पीईटी के मुद्दे पर अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा ये कहा गया कि ये आयोग स्तर का मुद्दा है जो मेरे स्तर से निस्तारित नहीं हो सकता है। यदि उच्च स्तर पर मेरी कोई वार्ता होती है तो मैं इसके लिए प्रयासरत रहूँगा। 25 प्रतिशत कोविड प्रोत्साहन राशि दिए जाने पर कोई सहमति नहीं दी।
अपर मुख्य सचिव से उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश अध्यक्ष ठा0 मयंक प्रताप सिंह, महामन्त्री डॉ0 इस्लाम मोहम्मद तव्वाब, प्रदेश प्रवक्ता आदित्य भारती, डॉ0 अमित सिंह आरबीएसके, आज़ाद सिंह संघ संस्थापक, गौरव शर्मा, सत्यार्थ प्रकाश शामिल थे।
संगठन ने अपर मुख्य सचिव का आभार व्यक्त करते हुए खुशी जाहिर की है। जिनमें डॉ0 रविन्द्र चौहान, अतुल भदौरिया, विजय बाजपेयी, सुमायला खान, जावेद खान, करुणा शंकर मिश्रा, राम प्रताप सिंह , डॉ0 आनन्द प्रताप सिंह, डॉ0 रोहित, मंडल अध्यक्ष मोहसिन खान, मण्डल उपाध्यक्ष अवनीश मिश्रा, डॉ0 मनीष सिंह, डॉ0 वैशाली, विमलेंद्र गोस्वामी, मनोज कुमार बरेली सहित समस्त संविदा एएनएम व अन्य कर्मचारियों ने भी सचिव को धन्यवाद ज्ञापित किया।