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प्राथमिकता के आधार पर होगा आदर्श ग्रामों का विकास

आदर्श ग्रामों का विकास होगा

लखनऊ। सांसद आदर्श ग्राम योजना द्वारा चयनित ग्रामों का विकास अब प्राथमिकता के आधार पर होगा। इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है। सोमवार को सांसद आदर्श ग्राम योजना के क्रियान्वयन हेतु गठित अधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई।

बैठक में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका अनुश्रवण भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है। इसलिए सभी विभाग सांसद आदर्श ग्राम योजनान्तर्गत चयनित ग्रामों में अपनी विभागीय योजनाओं व बजट को इन ग्रामों के विकास कार्यो में प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि जो परियोजनायें पूर्ण होती जायें, उन्हें तत्काल पोर्टल पर अपडेट भी कर दिया जाये। उन्होंने सभी परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के भी निर्देश दिये।

इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना दो फेज में लागू की गयी है, जिसमें प्रथम फेज (2014-19) में प्रत्येक सांसद को वर्ष 2019 तक 03 चयनित ग्रामों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अभिसरण द्वारा संतृृप्त करते हुए आदर्श ग्राम बनाया जाना है। द्वितीय चरण में प्रत्येक सांसद द्वारा वर्ष 2019 से 2024 तक, प्रत्येक वर्ष में एक ग्राम, इस प्रकार कुल 05 ग्रामों को आदर्श ग्राम बनाया जाना है।

प्रदेश में लोकसभा के 80 सांसद तथा राज्यसभा के 31 सांसद है, जिनमें से अधिकांश सांसदगणों द्वारा ग्रामों का चयन किया जा चुका है, अवशेष ग्रामों के चयन हेतु सांसदगणों से अनुरोध किया गया है। योजना में करीब 32 विभागों की योजनाओं के पांचों चरणों में 761 कार्य लम्बित है। बैठक में सम्बन्धित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। बैठक का संचालन विशेष सचिव, सह आयुक्त ग्राम्य विकास द्वारा किया गया।

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